बिहार में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब, 400 बच्चों को बचाया गया

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बिहार के मोतिहारी रक्सौल थाना क्षेत्र में नौकरी के नाम पर झांसा देकर युवाओं को ठगने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह ने सैकड़ों बेरोजगार युवकों और उनके परिवारों से लाखों रुपये की ठगी की थी। नेपाल और बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस गिरोह को पकड़ा गया, जिससे करीब 400 बच्चों को मुक्त कराया गया।

कैसे चल रहा था ठगी का खेल?

यह गिरोह लंबे समय से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सक्रिय था। ठग पहले बेरोजगार युवकों को सरकारी या प्राइवेट नौकरियों का झांसा देते थे। इसके बाद उन्हें इंटरव्यू के बहाने रक्सौल और नेपाल बॉर्डर के पास बुलाया जाता था।

युवाओं को भरोसे में लेने के लिए गिरोह के सदस्य खुद को नामी कंपनियों या सरकारी एजेंसियों का प्रतिनिधि बताते थे। वे दस्तावेजों की औपचारिकता पूरी करने के बहाने उम्मीदवारों के गार्जियन से भारी रकम ऐंठ लेते थे। पैसे लेने के बाद वे उम्मीदवारों को नेपाल या किसी अन्य जगह ले जाकर बंधक बना लेते थे।

नेपाल-बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

मोतिहारी और रक्सौल पुलिस को इस गिरोह की लंबे समय से तलाश थी। जब शिकायतें बढ़ने लगीं, तो पुलिस ने नेपाल पुलिस से संपर्क किया। संयुक्त अभियान के दौरान नेपाल और रक्सौल बॉर्डर के पास छापा मारकर गिरोह के मुख्य सरगनाओं को गिरफ्तार कर लिया गया।

400 युवकों को बचाया गया

इस कार्रवाई में पुलिस ने करीब 400 लड़कों को रेस्क्यू किया, जिन्हें नौकरी दिलाने के बहाने अलग-अलग जगहों पर रखा गया था। इनमें से कई युवक ऐसे थे, जिनके परिजनों से लाखों रुपये ठगे जा चुके थे।

पुलिस अधीक्षक ने बताया:

“गिरोह लंबे समय से इस ठगी को अंजाम दे रहा था। पहले भी गोपालगंज और अन्य जिलों में यह गिरोह सक्रिय था। हमारे पास लगातार शिकायतें आ रही थीं। नेपाल पुलिस की मदद से हमने एक बड़ी सफलता हासिल की है।”

गिरोह की कार्यप्रणाली

बेरोजगार युवकों को नौकरी का झांसा देकर संपर्क करना।

भरोसा जीतने के लिए नकली कागजात और जॉब ऑफर लेटर देना।

गार्जियनों से दस्तावेज़ शुल्क या अन्य बहाने से पैसे ऐंठना।

युवाओं को नेपाल या अन्य स्थानों पर भेजकर बंधक बनाना।

पैसे लेकर फरार हो जाना।

पहले भी कर चुके हैं ठगी

यह गिरोह इससे पहले भी गोपालगंज और अन्य इलाकों में ठगी कर चुका है। पुलिस को शक है कि इस गिरोह के कई और साथी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।

पीड़ितों का दर्द

एक पीड़ित के पिता ने बताया, “मेरा बेटा नौकरी की तलाश में था। किसी ने बताया कि अच्छी कंपनी में प्लेसमेंट हो रहा है। हमने 50,000 रुपये दिए, लेकिन बाद में न तो नौकरी मिली, न ही हमारा पैसा वापस आया।”

पुलिस की अपील

पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की ठगी का शिकार हुआ है, तो तुरंत नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराए। इसके अलावा, किसी भी अनजान एजेंसी या व्यक्ति के झांसे में न आएं और पहले पूरी तरह जांच-पड़ताल करें।

निष्कर्ष

यह मामला बेरोजगार युवाओं के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि नौकरी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से बचें। पुलिस की तत्परता से 400 युवकों को बचाया गया, लेकिन अभी भी कई मासूम लोग इस तरह के गिरोहों के शिकार हो सकते हैं। जागरूकता और सतर्कता ही ऐसे अपराधों से बचने का सबसे बड़ा उपाय है।