पूर्वी चंपारण जिले में कालाजार उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण सफलता अर्जित की है। डीभीबीडीसीओ डॉ. शरत चंद्र शर्मा के नेतृत्व में जिले में कालाजार के मामलों में काफी कमी आई है। यह सफलता जागरूकता अभियानों, बेहतर निगरानी, हाउस-टू-हाउस मरीज खोज अभियान, दवा और उपचार की उपलब्धता, स्प्रे अभियानों, और सामाजिक माध्यमों के उपयोग से संभव हो पाई है।
महत्वपूर्ण तथ्य: केस की संख्या में गिरावट: 2015 में 353 मामलों से घटकर 2023 में केवल 19 मामले रह गए। कार्यक्रम और प्रयास: हाउस-टू-हाउस अभियान, प्रचार वाहन, और सोशल मीडिया का उपयोग। मरीजों को समय पर क्षतिपूर्ति योजना का लाभ l जांच और फॉलोअप की नियमित प्रक्रिया। आर्थिक सहायता: कालाजार मरीजों को राज्य सरकार से ₹6600 और भारत सरकार से ₹500 यानी कुल ₹7100 की आर्थिक सहायता दी जाती है।
मुख्य लक्षण: 1. 2 सप्ताह से अधिक बुखार। 2.तिल्ली का बढ़ना। 3.भूख की कमी और वजन का घटना। 4.खून की कमी और त्वचा पर दाग।
तकनीकी प्रबंधन: कामिश वेब पोर्टल पर मरीजों का डेटा सुरक्षित रखना और उनकी निगरानी करना। 1 माह, 6 माह, और 12 माह पर फॉलोअप जांच सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष: यह उपलब्धि स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों के सहयोग से संभव हो सकी है। जागरूकता और सही प्रबंधन से कालाजार के उन्मूलन की दिशा में यह प्रयास अनुकरणीय है।