नीतीश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट बिहार में जाति आधारित सर्वे को हाई कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है

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पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट बिहार में जाति आधारित सर्वे को हरी झंडी दे दी ह। उसे जनगणना की तरह नहीं, सर्वे की तरह करना है। कोई दबिश नहीं।

मंगलवार को पटना हाईकोर्ट अपने अंतरिम फैसले से आगे अंतिम फैसले में यही करेगा। हाईकोर्ट ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट की दी तारीख के अंदर बिहार में जातीय जनगणना को लेकर उठ रहे सवालों पर सुनवाई कर ली। चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन व जस्टिस पार्थ सार्थी की खंडपीठ ने लगातार पांच दिनों तक (3 जुलाई से लेकर 7 जुलाई तक) याचिकाकर्ता और बिहार सरकार की दलीलें सुनीं।

कोर्ट ने जाति आधारित जनगणना बताने वालों की भी पूरी दलील सुन ली और फिर सरकार के उस दावे का पक्ष भी सुना, जिसके अनुसार यह जाति आधारित सर्वे है। आज पटना हाईकोर्ट ने सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने इसे सर्वे की तरह कराने की मंजूरी दे दी है। जल्दी ही बिहार सरकार फिर से जातीय जन-जनगणना शुरू करवाएगी। हालांकि कोर्ट के इस फैसले से याचिकाकर्ता नाखुश हैं। उनका कहना है कि अब वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। इधर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार ने फिर से जाति जनगणना शुरू कराने का एक आदेश जारी किया। इसमें लिखा है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद सभी जिलों के डीएम को जाति आधारित गणना फिर से शुरू करने के दिशा-निर्देश दिया जाता है।

बिहार में जातीय गणना होगी:पटना हाईकोर्ट से सरकार को राहत; रोक लगाने वाली सभी याचिकाएं खारिज
पटना15 घंटे पहले

बिहार में जातीय गणना पूरी होगी। बिहार सरकार को पटना हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने रोक की मांग से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन ने यह फैसला सुनाया।

याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने बताया कि एक लाइन में हाईकोर्ट का फैसला आया है। जिसमें कहा गया कि रिट याचिका खारिज की जाती है। यानी जातीय गणना कराई जा सकती है। हाईकोर्ट के जजमेंट के आधार पर गणना होगी। हम लोग फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

हाई कोर्ट के फैसला आने के कुछ घंटे के बाद ही बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना कराने का आदेश जारी कर दिया है। सभी डीएम को आदेश दिया गया है कि पटना हाई कोर्ट के फैसले पर पारित आदेश को देखते हुए बिहार जाति आधारित गणना 2022 के अवरुद्ध कार्य को फिर से शुरू किया जाए।