बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पदाधिकारियों के लिए ऑनलाइन मूल्यांकन एवं संदेह-समाधान सत्र का आयोजन

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पटना, 10 अक्टूबर 2025 – भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बिहार विधान सभा आम निर्वाचन, 2025 की तैयारी के अंतर्गत  समाहरणालय स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद सभागार में निर्वाचन से संबंधित पदाधिकारियों का एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन मूल्यांकन एवं संदेह-समाधान सत्र (Doubt Clearing Session) आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण सत्र का उद्देश्य निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल पदाधिकारियों को चुनाव से संबंधित तकनीकी और प्रक्रियागत पहलुओं की समुचित जानकारी देना तथा उनकी शंकाओं का समाधान करना था।

इस अवसर पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी  सौरव जोरवाल की गरिमामयी उपस्थिति रही। उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए निर्वाचन कार्य में पारदर्शिता, निष्पक्षता और तकनीकी दक्षता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “बिहार विधान सभा चुनाव केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का अवसर है, जिसमें प्रत्येक पदाधिकारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

कार्यक्रम में जिले के सभी 12 विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित निर्वाची पदाधिकारी, सहायक निर्वाची पदाधिकारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी सहित अन्य निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया। इन अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित ऑनलाइन मूल्यांकन प्रणाली से अवगत कराया गया, जिसमें निर्वाचन से जुड़ी विभिन्न प्रक्रियाओं, प्रपत्रों, दिशा-निर्देशों और तकनीकी पहलुओं पर आधारित प्रश्न पूछे गए। यह मूल्यांकन न केवल ज्ञान को परखने का माध्यम है, बल्कि यह यह भी सुनिश्चित करता है कि सभी अधिकारी चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से सक्षम और सजग हैं।

इसके साथ ही Doubt Clearing Session के तहत अधिकारियों की चुनाव प्रक्रिया से संबंधित जिज्ञासाओं एवं शंकाओं का समाधान भी किया गया। इस सत्र में मुख्य रूप से नामांकन प्रक्रिया, स्क्रूटनी, मतगणना की प्रक्रिया, आदर्श आचार संहिता, IT एप्लीकेशनों का उपयोग, और EVM-VVPAT के संचालन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।

प्रशिक्षण में शामिल अधिकारियों ने इसे अत्यंत लाभकारी बताते हुए कहा कि इससे उन्हें अपने उत्तरदायित्वों को और अधिक स्पष्टता के साथ निभाने में सहायता मिलेगी। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए इस तकनीकी नवाचार के माध्यम से निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।

अंत में जिलाधिकारी  सौरव जोरवाल ने सभी उपस्थित अधिकारियों से अपील की कि वे अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा, निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ निभाएं ताकि बिहार विधान सभा आम निर्वाचन, 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सके।