गंडक कॉलोनी रोड रघुनाथपुर में चित्रांश परिवार की बैठक सम्पन्न, आगामी 23 अक्टूबर को होगी भव्य चित्रगुप्त पूजा

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रघुनाथपुर (संवाददाता)। गंडक कॉलोनी रोड स्थित रघुनाथपुर शिव मंदिर परिसर में रविवार को स्थानीय चित्रांश परिवार की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी 23 अक्टूबर 2025 को मनाई जाने वाली भव्य चित्रगुप्त पूजा की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा करना था।

बैठक में उपस्थित समाज के तमाम गणमान्य लोगों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस वर्ष की पूजा सामूहिक रूप से शिव मंदिर प्रांगण में संपन्न की जाएगी।बैठक में वॉर्ड संख्या 28 के पार्षद मुकुल श्रीवास्तव, राजनिश श्रीवास्तव, निखिल श्रीवास्तव, चंदन श्रीवास्तव, शांतनु श्रीवास्तव, चुमन श्रीवास्तव, राज रंजन श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, त्रीदीप श्रीवास्तव और सतीश चंद्र श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में चित्रांश समाज के सदस्य उपस्थित हुए

बैठक का संचालन सामूहिक सहभागिता और सहयोग की भावना के साथ किया गया।सभी सदस्यों ने एकमत से कहा कि चित्रगुप्त पूजा न केवल समाज के सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव का पर्व है, बल्कि यह एकता और सहयोग का प्रतीक भी है। इस अवसर पर तय किया गया कि पूजा के आयोजन में सभी चित्रांश परिवारों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। पूजा के दौरान सुबह विधिवत हवन और चित्रगुप्त भगवान की आराधना की जाएगी, जिसके बाद प्रसाद वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा।

बैठक में पूजा समिति का गठन भी किया गया, जिसमें विभिन्न उपसमितियों का दायित्व बांटा गया। सजावट समिति, भंडारा समिति, स्वागत समिति, और सांस्कृतिक कार्यक्रम समिति को विशेष जिम्मेदारियाँ दी गईं ताकि आयोजन सौंदर्यपूर्ण और अनुशासित तरीके से सम्पन्न हो सके। सभी उपस्थित सदस्यों ने संकल्प लिया कि समाज के सभी वर्गों को जोड़कर इस आयोजन को एक मिसाल बनाया जाएगा।वार्ड पार्षद मुकुल श्रीवास्तव ने कहा कि चित्रगुप्त पूजा का पर्व समाज को अपनी परंपरा और संस्कारों से जोड़ता है। उन्होंने लोगों से अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने की अपील की। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्थानीय युवाओं को भी पूजा की तैयारियों में प्रमुख भूमिका दी जाएगी ताकि नई पीढ़ी अपने पूर्वजों की परंपरा से प्रेरित हो सके

रघुनाथपुर के चित्रांश परिवारों ने इस आयोजन को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि सामूहिक पूजा से समाज में आपसी सद्भाव और एकता की भावना और प्रगाढ़ होगी। सभी ने एक सुर में कहा कि इस बार का आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का भी संदेश देगा।