मोतिहारी। जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र में गुरुवार देर शाम दो कुख्यात अपराधियों के गुटों में वर्चस्व की जंग ने खूनी रूप ले लिया। आपसी रंजिश के चलते हुई अंधाधुंध गोलीबारी में दो बदनाम अपराधियों की मौत हो गई। मरने वालों की पहचान हरसिद्धि थाना क्षेत्र के मोती यादव का पुत्र गुड्डू यादव और संग्रामपुर थाना क्षेत्र के भादा गिरी टोला निवासी कुख्यात अपराधी धनंजय गिरी के रूप में हुई है। इस वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
कैसे हुई घटना
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस सूत्रों के अनुसार, संग्रामपुर थाना क्षेत्र में अपराध जगत के दो बड़े गुटों के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। एक तरफ धनंजय गिरी का गुट, तो दूसरी तरफ कुख्यात अपराधी सनोवर खान का गुट। गुरुवार की शाम इस संघर्ष का नतीजा खून-खराबे के रूप में सामने आया।
बताया जाता है कि सनोवर खान ने धनंजय गिरी को फोन कर किसी बहाने से बुलाया। धनंजय अपने साथी गुड्डू यादव के साथ मौके पर पहुंचा। जैसे ही दोनों वहां पहुंचे, पहले से घात लगाए सनोवर और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं।
दोनों अपराधियों का अंत
गोली लगते ही गुड्डू यादव की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं गंभीर रूप से घायल धनंजय गिरी को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। इस दोहरी हत्या की खबर फैलते ही आसपास के इलाके में अफरातफरी और दहशत का माहौल बन गया। लोगों ने अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए और सड़कों पर सन्नाटा पसर गया।
धनंजय गिरी का आपराधिक इतिहास
पुलिस के अनुसार, मृतक धनंजय गिरी हाल ही में जेल से बाहर आया था। वह झड़वा के चर्चित तबरेज हत्याकांड का आरोपी था। कुछ सप्ताह पहले ही जेल से जमानत पर रिहा हुआ था और इलाके में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन विरोधी गुट के साथ चल रही पुरानी रंजिश ने उसका खेल खत्म कर दिया।
सनोवर खान पर इनाम
दूसरी ओर, पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक सनोवर खान लंबे समय से फरार चल रहा है। उस पर मोतिहारी पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। अपराध जगत में उसकी गिनती कुख्यात बदमाशों में होती है। पुलिस को आशंका है कि इस गोलीकांड के पीछे वही मास्टरमाइंड है।
इलाके में दहशत का माहौल
गोलीबारी की इस घटना ने पूरे संग्रामपुर और आसपास के गांवों को सहमा दिया है। देर शाम तक इलाके में तनाव की स्थिति बनी रही। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से अपराधियों के बीच बढ़ती खींचतान को लेकर आशंका जताई जा रही थी। लोगों का कहना है कि पुलिस की सक्रियता बढ़ी होती तो शायद इस वारदात को रोका जा सकता था।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने बताया कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसडीपीओ अरेराज के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है। लगातार छापेमारी की जा रही है और जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एसपी ने कहा कि पुलिस की प्राथमिकता इलाके में शांति व्यवस्था बहाल करना और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाना है।
गैंगवार की पृष्ठभूमि
मोतिहारी और आसपास का इलाका लंबे समय से अपराधियों के आपसी वर्चस्व की लड़ाई का गवाह रहा है। शराब, बालू, जमीन और रंगदारी के धंधे में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए अपराधियों के बीच टकराव आम बात हो गई है। लेकिन गुरुवार को हुई इस दोहरी हत्या ने यह साफ कर दिया है कि अपराधी अब सीधे आमने-सामने भिड़ने से भी पीछे नहीं हट रहे।
लोगों की प्रतिक्रिया
इलाके के लोगों का कहना है कि पुलिस को अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही अपराधियों को संरक्षण देने वाले राजनीतिक और सामाजिक तत्वों पर भी शिकंजा कसना होगा, वरना ऐसे गैंगवार भविष्य में और बड़ी घटनाओं को जन्म दे सकते हैं।
निष्कर्ष
संग्रामपुर की यह घटना मोतिहारी जिले में अपराधियों की बढ़ती दुस्साहसिक गतिविधियों का जीता-जागता उदाहरण है। दो कुख्यात अपराधियों की मौत से भले ही एक गुट कमजोर पड़ गया हो, लेकिन दूसरे गुट के और ज्यादा सिर उठाने की आशंका है। अब देखना यह होगा कि पुलिस कितनी जल्दी और सख्ती से इस मामले में कार्रवाई करती है और इलाके में शांति बहाल कर पाती है।








