राष्ट्रव्यापी स्वर्वेद संदेश यात्रा का भव्य आयोजन

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मोतिहारी।  संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज के पावन सान्निध्य में संचालित राष्ट्रव्यापी स्वर्वेद संदेश यात्रा का भव्य आयोजन बुधवार को राजा बाजार स्थित प्रेक्षा गृह में सम्पन्न हुआ। श्रद्धालुओं की विशाल उपस्थिति और भक्ति-भाव से वातावरण आध्यात्मिक चेतना से सराबोर हो उठा।

यह ऐतिहासिक यात्रा 29 जून को कश्मीर के श्रीनगर स्थित लाल चौक पर तिरंगा फहराकर आरम्भ हुई थी। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत की आत्मिक चेतना को जाग्रत करने का संदेश लिए यह यात्रा अब मोतिहारी पहुँची है। संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज ने अपने दिव्य उद्बोधन में कहा कि “मानव जीवन का उद्देश्य केवल सांसारिक उपलब्धियाँ नहीं, बल्कि आत्मा के शाश्वत सुख की प्राप्ति भी है, और यह तभी संभव है जब हम स्वर्वेद जैसे दिव्य ज्ञान से जीवन को आलोकित करें।”

जय स्वर्वेद कथा और ध्यान साधना

कार्यक्रम के दौरान संत प्रवर द्वारा जय स्वर्वेद कथा का आयोजन किया गया। कथा सुनते हुए श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। इसके साथ ही संत जी ने साधकों को ध्यान-साधना का अभ्यास कराया। पूरे हाल में उपस्थित भक्तों ने सामूहिक ध्यान में भाग लिया, जिससे वातावरण में दिव्यता और शांति का अद्भुत अनुभव हुआ।

संत प्रवर ने इस अवसर पर स्वर्वेद ग्रंथ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “स्वर्वेद केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शक है। यह हमें आत्म-शक्ति, करुणा, सद्भाव और राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा देता है।” उन्होंने आगे कहा कि स्वर्वेद संदेश यात्रा का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धारा को सशक्त बनाना है।

वाराणसी महायज्ञ की तैयारी

यह आयोजन आगामी 25 और 26 नवम्बर 2025 को वाराणसी में होने वाले 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के लिए राष्ट्रव्यापी जनजागरण का एक महत्वपूर्ण चरण माना जा रहा है। संत प्रवर ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे इस महायज्ञ में अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर आध्यात्मिक ऊर्जा का लाभ उठाएँ। महायज्ञ का उद्देश्य है— जन-जन तक आत्मिक चेतना का संदेश पहुँचाना और समाज को नैतिकता, एकता और सद्भाव की ओर प्रेरित करना।

भव्य आयोजन और श्रद्धालुओं की उमंग

राजा बाजार प्रेक्षा गृह में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। विभिन्न प्रांतों से पहुँचे भक्तों ने एक स्वर में “जय स्वर्वेद” के उद्घोष से पूरे परिसर को गुँजायमान कर दिया। श्रद्धालुओं ने संत प्रवर से आशीर्वाद लिया और अपने जीवन में स्वर्वेद के आदर्शों को अपनाने का संकल्प भी व्यक्त किया।

आयोजन समिति द्वारा भक्तों के लिए भव्य प्रसाद वितरण एवं महाप्रसाद की विशेष व्यवस्था की गई थी। महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग सभी उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में शामिल हुए। वातावरण में शांति, सौहार्द और भक्ति का ऐसा संगम दिखाई दिया जिसने हर उपस्थित व्यक्ति को आत्मिक रूप से अभिभूत कर दिया।

राष्ट्र को नई दिशा देने वाली यात्रा

कार्यक्रम का संचालन करते हुए स्थानीय संयोजकों ने बताया कि स्वर्वेद संदेश यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह राष्ट्र को आत्मिक शक्ति और एकता की नई दिशा देने वाला महाआयोजन है। यात्रा का संदेश है— “आत्मा की चेतना से ही राष्ट्र की चेतना जाग्रत होगी।”

इस प्रकार, मोतिहारी में सम्पन्न यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय रहा, बल्कि यह आने वाले समय में होने वाले स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ की तैयारी का भी महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।