मोतिहारी/अरेराज:
पुर्बी चंपारण जिले के अरेराज प्रखंड के झखड़ा गांव में एक राजनीतिक रंजिश ने गंभीर मोड़ ले लिया है। गांव के पैक्स अध्यक्ष मुन्ना सिंह पर युवक सुमित कुमार सिंह को जान से मारने की नीयत से स्कॉर्पियो से टक्कर मारने और उसके बाद मारपीट करने का गंभीर आरोप लगा है। पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। घटना को लेकर जिले में राजनीतिक व सामाजिक माहौल गर्मा गया है।
घटना की सूचना पर पुलिस हरकत में आई और गोविंदगंज थाना में सुमित कुमार सिंह के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले को लेकर मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात ने पैक्स अध्यक्ष मुन्ना सिंह की गिरफ्तारी के लिए ₹20,000 का इनाम घोषित किया है।
📹 वायरल वीडियो ने मचाया बवाल
वायरल वीडियो में एक स्कॉर्पियो तेज़ी से एक बाइक सवार युवक को टक्कर मारती दिख रही है। दावा किया जा रहा है कि स्कॉर्पियो चला रहे व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि स्वयं मुन्ना सिंह थे। इसके बाद वे गाड़ी से उतरकर घायल सुमित के साथ मारपीट करते नजर आते हैं। वीडियो के आधार पर पुलिस ने गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
✍ पीड़ित का बयान – “मेरी जान की दुश्मनी बन गए हैं मुन्ना सिंह”
पीड़ित सुमित कुमार सिंह ने बताया कि यह विवाद पैक्स चुनाव के दौरान शुरू हुआ था, जब दोनों प्रत्याशी के तौर पर आमने-सामने आए थे। चुनावी रंजिश धीरे-धीरे व्यक्तिगत दुश्मनी में तब्दील हो गई।
सुमित का दावा है कि उसे लगातार डराया-धमकाया जाता रहा। उसने इस संबंध में पहले भी अरेराज एसडीओ कोर्ट और गोविंदगंज थाना में आवेदन देकर अपनी सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं हो सकी।
वह कहता है कि, “अब मेरी जान को खतरा है। मुन्ना सिंह मुझे किसी भी हालत में खत्म करना चाहते हैं।”
🚨 एसपी का सख्त रुख
जैसे ही मामला सामने आया, एसपी स्वर्ण प्रभात ने इसे गंभीरता से लिया और आरोपी मुन्ना सिंह की गिरफ्तारी के लिए ₹20,000 के इनाम की घोषणा की। उन्होंने कहा —
“कानून से ऊपर कोई नहीं है। चाहे वह किसी पद पर हो, कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
🔁 कहानी में नया मोड़ – सामने आया दूसरा पक्ष
हालांकि, वायरल वीडियो और आरोपों के बीच अब इस कहानी में एक नया मोड़ आ गया है।
मुन्ना सिंह पक्ष ने दावा किया है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो आधा-अधूरा और भ्रामक है। उनके अनुसार, सच्चाई उससे कहीं अधिक जटिल और गंभीर है।
🔍 “महीनों से हो रही थी रेकी”
मुन्ना सिंह के परिवार वालों का कहना है कि सुमित सिंह पिछले कई महीनों से उनके घर और गोदाम की रेकी कर रहा था। कई बार वह संदिग्ध हालात में इधर-उधर घूमता पाया गया, जिससे डरकर मुन्ना सिंह ने अपने घर, गोदाम और होटल निर्माण स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे।
🏗 घटना वाले दिन की पूरी कहानी
26 जुलाई 2025 को मुन्ना सिंह अपने छोटे भाई के साथ निर्माणाधीन होटल पर पहुंचे थे। होटल का कार्य देख रहे मुन्ना सिंह ने भाई से कहा कि ठेकेदार को बुलाकर लाएं ताकि आगे की योजना समझा सकें। भाई के जाने के बाद मुन्ना सिंह होटल पर अकेले रह गए।
तभी सुमित सिंह अपने दोस्तों के साथ वहां पहुंच गया और मुन्ना सिंह से गाली-गलौज करने लगा। गांव के ही एक व्यक्ति ने जब यह विवाद देखा तो वह भी घटनास्थल पर खड़ा हो गया और पूरी बात सुनी।
मुन्ना सिंह के लोगों का दावा है कि जब सुमित को लगा कि वह कोई बड़ी घटना नहीं कर पाएगा, तो वह वहां से भाग निकला और एक पेट्रोल पंप की ओर बढ़ा।
पीछा करते हुए मुन्ना सिंह भी वहां पहुंचे। वह अन्य रास्ते से पेट्रोल पंप की ओर स्कॉर्पियो लेकर मुड़े, तभी गाड़ी सुमित से टकरा गई और वह गिर पड़ा। उनका कहना है कि यह जानबूझकर की गई टक्कर नहीं थी, बल्कि वह परिस्थिति जन्य दुर्घटना थी।
📂 सुमित पर भी लगे हैं आपराधिक आरोप
मुन्ना सिंह पक्ष का यह भी दावा है कि सुमित सिंह स्वयं एक आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है।
गोविंदगंज थाने में पश्चिमी चंपारण निवासी सुरेंद्र कुशवाहा द्वारा उसके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। इसके अतिरिक्त, कई संदिग्ध गतिविधियों में उसका नाम सामने आता रहा है।
📼 सीसीटीवी फुटेज भी पेश करने की तैयारी
मुन्ना सिंह की ओर से इस पूरे घटनाक्रम के समर्थन में सीसीटीवी फुटेज पेश किए जा रहे हैं, जिनमें allegedly सुमित की रेकी करते हुए गतिविधियां दिखती हैं। उनका कहना है कि यदि पुलिस निष्पक्ष जांच करे, तो सच्चाई सामने आ जाएगी।
🔎 पुलिस कर रही है निष्पक्ष जांच
फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों के बयानों, सीसीटीवी फुटेज, वायरल वीडियो और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर जांच कर रही है। एसपी ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच पूरी होने से पहले किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जाएगा और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
⚖️ अब सबसे बड़ा सवाल — सियासी रंजिश या पूर्व नियोजित हमला?
यह मामला अब सिर्फ एक हादसे या हमला नहीं रह गया है, बल्कि इसके पीछे की राजनीतिक, सामाजिक और आपराधिक जटिलताएं इस घटना को और गंभीर बना रही हैं।
क्या यह वास्तव में एक जानलेवा हमला था, या फिर एक योजनाबद्ध साजिश का हिस्सा?
क्या वायरल वीडियो ही अंतिम सच है, या फिर उसके पीछे की परतें और गहराई से जांच होनी चाहिए?
इन सभी सवालों का जवाब अब पुलिस जांच और अदालत की प्रक्रिया से ही सामने आएगा। तब तक के लिए यह मामला झखड़ा गांव से निकलकर मोतिहारी के राजनीतिक गलियारों और जनता की बहसों का हिस्सा बन चुका है