विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर किशोरियों को स्वच्छता किट का वितरण: एक कदम स्वस्थ और सशक्त भविष्य की ओर

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पूर्वी चंपारण, मोतिहारी। विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी महोदय के निर्देशानुसार आज समाहरणालय परिसर स्थित राजेंद्र सभागार में महिला एवं बाल विकास निगम, पूर्वी चंपारण द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले की 250 किशोरियों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन किट वितरित की गई। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किशोरियों को माहवारी के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूक करना, उन्हें सही जानकारी प्रदान करना और जरूरी संसाधनों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ सदर अस्पताल की महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वंदना के प्रेरणादायक संबोधन से हुआ। उन्होंने कहा, “माहवारी एक प्राकृतिक और जैविक प्रक्रिया है, जिसे लेकर समाज में फैली शर्म और भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी बेटियों को इस प्राकृतिक प्रक्रिया को गरिमा और आत्मविश्वास के साथ अनुभव करने के लिए आवश्यक जानकारी और साधन उपलब्ध हों।”

इस अवसर पर डॉ. वंदना ने किशोरियों को माहवारी से संबंधित विभिन्न पहलुओं, जैसे – प्रारंभिक लक्षण, नियमितता, संभावित समस्याएं, स्वच्छता उपाय और मानसिक तैयारी जैसे विषयों पर सरल भाषा में जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से मानसिक संबल और पोषण के महत्व पर जोर दिया।

प्रसूति रोग विशेषज्ञ द्वारा माहवारी के दौरान होने वाली सामान्य समस्याओं – जैसे अत्यधिक रक्तस्राव, ऐंठन, थकान, और मूड स्विंग्स – पर चर्चा की गई। किशोरियों ने खुलकर अपनी समस्याएं साझा कीं, जिसका विशेषज्ञों ने समाधान किया। साथ ही, खून की कमी से बचाव के लिए आयरन युक्त आहार जैसे – हरी पत्तेदार सब्जियाँ, चुकंदर, अनार, अंडा, दूध, और दालें खाने की सलाह दी गई।

कार्यक्रम में यूनिसेफ एवं पिरामल फाउंडेशन के जिला प्रतिनिधियों ने माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर विशेष चर्चा की। उन्होंने किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान साफ-सुथरे सैनिटरी पैड के प्रयोग की आवश्यकता और इसके नियमित परिवर्तन की अहमियत बताई। उन्होंने कहा कि अनहाइजेनिक तरीके अपनाने से संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसे उचित जानकारी और व्यवहार से रोका जा सकता है।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने सभी उपस्थित किशोरियों के बीच माहवारी स्वच्छता प्रबंधन किट का वितरण किया। इस किट में सैनिटरी नैपकिन, साबुन, टिश्यू पेपर, डिस्पोजल बैग और उपयोग की दिशा-निर्देश पुस्तिका शामिल थी। उन्होंने बताया कि यह पहल सिर्फ एक किट का वितरण नहीं, बल्कि बेटियों को सशक्त और जागरूक बनाने का एक प्रयास है।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता, निधि कुमारी (जिला मिशन समन्वयक) ने कहा:

“हर किशोरी को यह अधिकार है कि वह अपनी माहवारी का प्रबंधन सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से कर सके। स्वच्छता किट का वितरण हमारी इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हम किशोरियों को न केवल स्वस्थ जीवन के लिए प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि उन्हें शिक्षा में निरंतरता बनाए रखने में भी मदद कर रहे हैं।”

निधि कुमारी ने किशोरियों को माहवारी के दौरान खुलकर बातचीत करने, अपने अनुभव साझा करने और समाज में इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि इस पहल से किशोरियों के आत्मविश्वास को बढ़ावा मिलेगा और वे स्वयं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से अधिक सशक्त महसूस करेंगी।

कार्यक्रम में विशेष रूप से यूनिसेफ, पिरामल स्वास्थ्य, C3 संस्था, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षक, जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ विमेन, वन स्टॉप सेंटर के प्रतिनिधि एवं अन्य संबंधित पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। सभी ने इस विषय पर एकमत होकर विचार रखा कि माहवारी को लेकर जो चुप्पी और गलत धारणाएं हैं, उन्हें समाज से हटाने की जरूरत है।

कार्यक्रम के अंत में किशोरियों को समूहों में बाँट कर संक्षिप्त वर्कशॉप भी आयोजित की गई, जिसमें उन्हें सैनिटरी पैड के सही उपयोग, डिस्पोजल के तरीकों, कपड़े के उपयोग की सावधानियों, और माहवारी ट्रैकिंग जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। कुछ बालिकाओं ने कार्यक्रम के बाद अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने पहली बार इस विषय पर इतने खुले माहौल में बात की और उन्हें अब डर या शर्म नहीं लगती।

इस तरह, महिला एवं बाल विकास निगम की इस पहल से 250 से अधिक किशोरियों को न केवल प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ, बल्कि वे अब माहवारी से जुड़ी समस्याओं पर आत्मविश्वास के साथ बात करने और समाधान खोजने में सक्षम हो सकेंगी।

निष्कर्षतः, यह कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की गरिमा और अधिकारों की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। महिला एवं बाल विकास निगम ने भविष्य में भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों को आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई है, जिससे माहवारी के मुद्दे पर जागरूकता का दायरा व्यापक हो सके और हर किशोरी एक सुरक्षित, स्वच्छ और सशक्त जीवन जी सके।