तुरकौलिया: आईसीडीएस केंद्र संख्या 194 के निरीक्षण में मिली कई अनियमितताएँ, डीपीओ ने जताई नाराजगी

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पूर्वी चंपारण, 5 मार्च 2025 रिपब्लिक 7 भारत: महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधारने के लिए समय-समय पर निरीक्षण किए जाते हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) ने तुरकौलिया प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 194 का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं, जिससे अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

क्या-क्या खामियाँ मिलीं निरीक्षण के दौरान?

निरीक्षण के दौरान केंद्र की व्यवस्थाओं में भारी लापरवाही पाई गई। डीपीओ ने पाया कि—

पोषाहार वितरण में अनियमितता: बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले पोषाहार की गुणवत्ता बेहद खराब थी। साथ ही कई लाभार्थियों को नियमित रूप से पोषाहार नहीं मिल रहा था।

उपस्थिति में गड़बड़ी: रजिस्टर में दर्ज उपस्थिति और मौके पर उपस्थित बच्चों व कर्मचारियों की संख्या में बड़ा अंतर पाया गया। कई बच्चों का नाम दर्ज था, लेकिन वे केंद्र पर मौजूद नहीं थे।

स्वच्छता का अभाव: केंद्र पर साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब थी। रसोईघर गंदा था, पानी की उचित व्यवस्था नहीं थी, और शौचालय की स्थिति दयनीय थी।

शिक्षण एवं खेल सामग्री का अभाव: बच्चों की शिक्षा और खेल-कूद के लिए दी जाने वाली सामग्री नदारद थी। केंद्र पर न तो कोई किताबें थीं, न ही कोई खेल उपकरण उपलब्ध थे।

कार्यकर्ताओं की लापरवाही: आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से नहीं कर रही थीं। कई दस्तावेजों में हेराफेरी के संकेत भी मिले।

डीपीओ ने जताई नाराजगी, दिए सख्त निर्देश

निरीक्षण के दौरान मिली खामियों पर डीपीओ मैडम ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने तुरंत संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई और निर्देश दिया कि—

1. पोषाहार की गुणवत्ता में सुधार हो और नियमित वितरण सुनिश्चित किया जाए।

2. बच्चों और कर्मचारियों की उपस्थिति सही ढंग से दर्ज की जाए।

3. केंद्र की सफाई और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए।

4. शिक्षण एवं खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाए।

5. लापरवाह कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

स्थानीय लोगों ने भी जताई नाराजगी

केंद्र की बदहाल स्थिति को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में भी नाराजगी देखी गई। उन्होंने कहा कि केंद्र पर बच्चों के पोषण और शिक्षा के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई हो रही है, जबकि हकीकत में कोई लाभ नहीं मिल रहा। कुछ लोगों ने मांग की कि इस लापरवाही के लिए दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

क्या होगी अगली कार्रवाई?

डीपीओ ने यह भी कहा कि अगर जल्द ही सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण किए जाएंगे।

निष्कर्ष

तुरकौलिया के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 194 का यह मामला यह दिखाता है कि सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी की जरूरत है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण एवं शिक्षा से समझौता करना गंभीर मामला है, जिस पर प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे। अब देखना होगा कि इस निरीक्षण के बाद कितनी जल्दी सुधार होता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है।