रघुनाथपुर थाना क्षेत्र में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां हाजत में बंद मुन्ना शाह ने खुदकुशी कर ली। इस घटना ने पुलिस विभाग की कार्यशैली और हाजत में नियमों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद रघुनाथपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सख्त कार्रवाई की गई है।
घटना का विवरण
मुन्ना शाह को रघुनाथपुर थाना पुलिस ने एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उसे हाजत में बंद किया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुन्ना शाह ने मफलर का इस्तेमाल कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है, क्योंकि हाजत में बंद कैदियों के पास इस प्रकार के सामान नहीं होने चाहिए।
लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद एसडीपीओ ने मामले की जांच शुरू की। उनकी जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि हाजत में नियमों का पालन नहीं किया गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर रघुनाथपुर थाना प्रभारी भीम सिंह, ओडी पदाधिकारी नंदनी कुमारी और हाजत ड्यूटी पर तैनात चौकीदार आलोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
जांच में यह पाया गया कि गिरफ्तारी के बाद मुन्ना शाह के मफलर को हाजत में ले जाने से पहले हटाना अनिवार्य था, लेकिन इस नियम की अनदेखी की गई। इसके अलावा, हाजत की नियमित निगरानी में भी गंभीर चूक हुई। 
विभागीय कार्रवाई शुरू
निलंबन के बाद इन तीनों पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी थानों में हाजत नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।
परिवार का आरोप और प्रशासन की जवाबदेही
मुन्ना शाह के परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस की लापरवाही ने उनके परिजन की जान ले ली। परिवार ने न्याय की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की अपील की है।
दूसरी ओर, जिला प्रशासन ने इस घटना के मद्देनजर हाजत में सुरक्षा उपायों की समीक्षा के लिए विशेष समिति गठित करने की घोषणा की है। इस समिति का उद्देश्य हाजत में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना है।
नियमों का उल्लंघन: बड़ी चूक
पुलिस हाजत में बंद कैदियों के लिए सख्त नियम और सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू होते हैं। इन नियमों के अनुसार, किसी भी प्रकार के सामान, जो आत्महत्या या अन्य हानिकारक गतिविधियों के लिए उपयोगी हो सकते हैं, को हाजत में ले जाने की अनुमति नहीं होती। इस घटना में मफलर को न हटाना इस नियम का स्पष्ट उल्लंघन है।
समाज में आक्रोश और प्रशासन की चुनौती
घटना के बाद स्थानीय समाज में आक्रोश फैल गया है। लोग पुलिस प्रशासन की लापरवाही को लेकर सवाल उठा रहे हैं। प्रशासन के लिए यह घटना एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि यह न केवल पुलिस की साख को प्रभावित करती है, बल्कि जनता के विश्वास को भी कमजोर करती है।
निष्कर्ष
मुन्ना शाह की हाजत में आत्महत्या एक गंभीर घटना है, जो पुलिस प्रशासन की लापरवाही और हाजत नियमों के पालन में चूक को उजागर करती है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई और दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा से ही पुलिस पर जनता का विश्वास बहाल किया जा सकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभागीय जांच के बाद क्या कदम उठाए जाते हैं और प्रशासन हाजत सुरक्षा को लेकर क्या सुधार करता है।








