समाज में महिला और लैंगिक समानता कार्यशाला का आयोजन किया गया

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मोतिहारी महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पूर्वी चंपारण जिले में लिंगानुपात में कमी और भ्रूण हत्या की समस्या को उजागर करते हुए, इस कार्यक्रम ने समाज में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में योगदान दिया।

अनुमंडल पदाधिकारी सुश्री निशा ग्रेवाल और अन्य अधिकारियों द्वारा दिए गए संदेश समाज के मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता पर बल देते हैं। लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए शिक्षा, जागरूकता और सशक्त कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत है

कार्यशाला की विशेष बातें:

  1. लिंगानुपात में सुधार पर जोर: पूर्वी चंपारण जैसे क्षेत्रों में, जहां लिंगानुपात चिंता का विषय है, इस प्रकार की गतिविधियाँ आवश्यक हैं।
  2. कानूनी प्रावधानों की जानकारी: पीसीपीएनडीटी अधिनियम और अन्य कानूनों के बारे में जानकारी देना लोगों को इन मुद्दों की गंभीरता समझाने में मदद करता है।
  3. महिला सशक्तिकरण योजनाओं की जानकारी: महिला हेल्पलाइन 181, वन स्टॉप सेंटर और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं की जानकारी से महिलाओं को सशक्त होने का मार्ग मिलता है।
  4. शिक्षा पर जोर: बालिकाओं को शिक्षा का महत्व समझाना, उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित करता है।

भविष्य की सिफारिशें:

  • ऐसी कार्यशालाओं की आवृत्ति बढ़ाई जाए।

  • ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए।

  • समाज के प्रभावशाली लोगों को जागरूकता फैलाने में जोड़ा जाए।

इस तरह के कार्यक्रमों की सफलता के लिए सभी संबंधित लोगों का सहयोग और समर्थन आवश्यक है। आपकी यह जानकारी और प्रयास सराहनीय हैं।