मोतिहारी जिले के कल्याणपुर प्रखंड के बखरी पंचायत के ग्राम-पुरैनिया निवासी श्री राजेश्वर प्रसाद (भूतपूर्व प्रधानाध्यापक) की बड़ी बहू प्रियंका कुमारी ने अपने जिले के साथ साथ अपने प्रखंड और गाँव का नाम रौशन किया है। प्रियंका कुमारी इससे पहले 6वी चरण शिक्षक बहाली के अंतर्गत शिक्षक (क्लास 1-5) है।
प्रियंका का जीवन बहुत ही संघर्ष भरा रहा है।
मुज़फ़्फ़रपुर के महवल निवासी श्री लालबाबू प्रसाद की बेटी प्रियंका की शादी 2012 में पुरैनिया निवासी राजेश्वर प्रसाद के बड़े लड़के उज्ज्वल कुमार के साथ हुई थी। इनका शुरुवाती पढ़ाई गाँव से ही हुआ है, इंटरमीडिएट के बाद इनकी शादी हो गई। बात चीत के दौरान प्रियंका द्वारा बताया गया कि इनके सफलता के पीछे इनके सासु माँ- साबित देवी ससुर- राजेश्वर प्रसाद, पिता- लालबाबू प्रसाद, माता- मंजू देवी, पति- उज्ज्वल कुमार, बड़े देवर-राहुल कुमार, छोटे देवर-नागमणि कुमार का योगदान सबसे ज्यादा है। इनके उच्च शिक्षा ग्रहण करवाने में सबसे ज्यादा योगदान राजेश्वर प्रसाद, साबित देवी, उज्ज्वल कुमार और राहुल कुमार का रहा।
शादी के पश्चात ससुराल आने के उपरांत घर की जिम्मेदारियों के साथ साथ अपना पढ़ाई भी पुरी की। जहाँ आजकल के समय मे लोग अपने बेटे-बेटियों को पढ़ाने से कतराते है वही प्रियंका के सास-ससुर, पति और देवर ने घर के जिम्मेदारियों के साथ साथ पढ़ाई करने का सुझाव दिए और मोटिवेट किये। प्रियंका ने सबके सुझाव को मानते हुए सास-ससुर के सहयोग से ग्रेजुएशन की ततपश्चात जेनरल कंपटीशन की तैयारी में लग गई उसी क्रम में बीएड के इंट्रेंस में क्वालीफाई करने के उपरांत पूर्वी चंपारण से बीएड कम्पलीट करने के उपरांत पोस्ट ग्रेजुएट कंपलीट की। चुकी इनके पति गृह मंत्रालय के अंतर्गत सरकारी अधिकारी है इसलिए इनके पढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान इनके सास ससुर और बड़े देवर का है इनका दाम्पत्य जीवन भी संघर्षों से भरा रहा शादी के बाद संतान के लिए लाखों-लाख रुपये खर्च करने के उपरांत 8 साल बाद सन 2020 में पहली बेटी हुई। एवम सन 2022 में फिर से जुड़वा बेटी हुई। आजकल के समय मे लोग संतान नही होने पर दूसरी शादी कर लेते हैं वही प्रियंका के ससुराल के सभी लोग इनका साथ हरेक कदम पर दिए और हमेशा हौसला देते रहे। आजकल के सास ससुर ननद ताना देकर बहु को टॉर्चर करते है लेकिन प्रियंका कि सास-ससुर हो या ननद-नंदोई, या पति हो या देवर सबने इनका सपोर्ट किया। इसी दरम्यान एक समय ऐसा भी आया जब इनके परिवार में पैसे की बड़ी समस्या हो गई तब इनके सास-ससुर ने गाँव के कुछ जमीन को गिरवी रख कर इनका इलाज करवाया एंवम इनकी सास उस समय प्रियंका से बोली थी कि अगर पैसा घटेगा तो अपना खून बेच कर इलाज करवाएगी। ऐसे सास ससुर बहुत कम लोगों को नसीब होता है। प्रियंका का सपोर्ट उनके ससुराल के सभी लोगों ने तन-मन से दिया जिसके रिजल्ट ये है कि तीन-तीन बेटियों की जिम्मेदारी को संभालते हुए तीन-तीन रिजल्ट दी एंवम सफलता का परचम लहराया। जिसमे BPSC (TRE-02) के क्लास 6-8, 9-10 एवम 11-12 में है।
इन्होंने अपने सफलता का सबसे ज्यादा श्रेय सासु माँ- साबित देवी, ससुर- राजेश्वर प्रसाद, पति- उज्ज्वल कुमार, बड़े देवर-राहुल कुमार को दी है।
इन्होंने आगे बताया कि मैं यही नही रुकूँगी। मैं अपना पढ़ाई तबतक जारी रखूंगी जबतक राजपत्रित अधिकारी नही बन जाऊं।








