मोतिहारी चेस यानी शतरंज दिमाग से खेला जाने वाला खेल है. हर साल 20 जुलाई को इंटरनेशनल चेस डे के रूप में मनाया जाता है. इस खेल को सीखने के लिए व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह कितने समय में सीख सकता है. विशषज्ञ की मानें तो चेस एक ऐसी खेल है, जिसे कोई भी उम्र का व्यक्ति सीख कर अपने जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है. भले ही इस खेल में समय लगता है, लेकिन यह दिमाग के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.
पूर्वी चंपारण जिला शतरंज संघ ने वर्ल्ड चेस डे पर फ्री चेस ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया।पूर्वी चंपारण जिला शतरंज संघ के तत्वाधान में विश्व शतरंज दिवस के अवसर पर एम. एस. मेमोरियल पब्लिक स्कूल के स्व. फुलादेवी सभागार में फ्री चेस ट्रेनिंग का आयोजन किया गया।
जिसमे पूर्वी चंपारण जिला शतरंज संघ के प्रेसिडेंट धनंजय कुमार ने बच्चो को चेस की ट्रेनिंग दी और बच्चो को शतरंज के बेसिक्स की जानकारी दी और साथ ही शतरंज के क्षेत्र में कैरियर की संभावनाओं की जानकारी दी। जिला शतरंज संघ के ज्वाइंट सेक्रेटरी श्री नितेश गौरव ने भी ट्रेनिग देते हुए बच्चो को चेस के नोटेशन और एवम चेस के मोहरो के वैल्यूएशन की जानकारी दी।
मौके पर एम. एस. मेमोरियल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य सतनाम सिंह जी ने बच्चो को संबोधित करते हुए कहा कि शतरंज में कैरियर की असीम संभावनाएं हैं और साथ ही छात्रों के मानसिक के साथ-साथ बहुमुखी विकास के लिए भी शतरंज बहुत लाभदायक है। अंत में कंक्लूड करते हुए पूर्वी चंपारण जिला शतरंज संघ प्रेसिडेंट धनंजय कुमार ने कहा कि आने वाले समय में इस तरह के चेस ट्रेनिग का आयोजन वृहत पैमाने पर किया जाएगा और अगले 1 साल में अपने पूर्वी चंपारण जिले में कम से कम 200 खिलाड़ी तैयार किए जायेंगे। मौके पर सीनियर खिलाड़ी रामचरण, आशुतोष कुमार, सुमन सौरभ आदि उपस्थित थे।









