मोतिहारी की शालिनी मिश्रा बन सकती हैं मंत्री: नीतीश कैबिनेट में JDU की केसरिया विधायक का नाम सबसे आगे

115

बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट लेने को तैयार है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी नई सरकार के गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। पटना स्थित राजभवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को लेकर पूरे प्रदेश में राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। इस बीच चर्चा का सबसे प्रमुख विषय है—जदयू की केसरिया विधायक शालिनी मिश्रा का मंत्रिमंडल में शामिल होना। पार्टी सूत्रों और राजनीतिक गलियारों में उनके नाम की संभावना बेहद मजबूत मानी जा रही है।

नई कैबिनेट में नए चेहरों को मौका मिलने की चर्चा तेज

सूत्रों के अनुसार, इस बार नीतीश कुमार अपनी कैबिनेट में युवाओं, शिक्षित प्रतिनिधियों और साफ-सुथरी छवि वाले नेताओं को प्राथमिकता देना चाहते हैं। इन्हीं मानकों पर केसरिया की विधायक शालिनी मिश्रा पूरी तरह खरी उतरती हैं। उनकी सक्रियता, आधुनिक सोच और क्षेत्रीय संतुलन को देखते हुए उन्हें मंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है।

मजबूत राजनीतिक विरासत और वैश्विक अनुभव

शालिनी मिश्रा भले ही कुछ वर्षों पहले सक्रिय राजनीति में आईं हों, लेकिन उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि बेहद सशक्त रही है। उनके पिता स्वर्गीय कमला मिश्र ‘मधुकर’ चार बार मोतिहारी संसदीय क्षेत्र से सीपीआई के सांसद चुने गए थे। सामाजिक न्याय और जनहित से जुड़े मुद्दों पर उनकी गहरी पकड़ थी, जिसका影 शालिनी मिश्रा के राजनीतिक व्यक्तित्व में भी स्पष्ट दिखता है।

उच्च शिक्षा के लिए वे अमेरिका गई थीं, जहां की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटियों से उन्होंने प्रबंधन की पढ़ाई की और कई मल्टीनेशनल कंपनियों में कार्य किया। कॉर्पोरेट सेक्टर में सफल करियर छोड़कर जनता की सेवा के लिए राजनीति में आना युवाओं के लिए प्रेरणा का विषय माना जाता है।

दूसरी बार विधायक, क्षेत्र में मजबूत पकड़

केसरिया विधानसभा क्षेत्र से वे लगातार दूसरी बार विधायक चुनी गई हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को बड़े अंतर से हराया था। क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा और ग्रामीण विकास से जुड़े मुद्दों पर उनकी सक्रिय भूमिका ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया है। उनके प्रयास से कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएँ और विकास कार्य गति पकड़ चुके हैं।

महिला सशक्तिकरण का भी बनेगी मजबूत मिसाल

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि शालिनी मिश्रा को मंत्रिमंडल में स्थान मिलता है, तो यह न केवल पूर्वी चंपारण की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण होगा बल्कि बिहार में महिला विधायकों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा। महिला मतदाता आज प्रदेश की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं, ऐसे में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाना नीतीश कुमार के लिए राजनीतिक रूप से भी लाभकारी कदम होगा।

पटना गाँधी मैदान पर टिकी निगाहें, क्या मिलेगी जिम्मेदारी?

शपथ ग्रहण समारोह को लेकर पटना में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रदेश भर से नेताओं और कार्यकर्ताओं का राजधानी में जुटना शुरू हो गया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किन-किन विधायकों को मंत्रिपद की जिम्मेदारी दी जाएगी, लेकिन केसरिया की विधायक शालिनी मिश्रा का नाम इस दौड़ में सबसे आगे बना हुआ है।

राजनीति के जानकारों का कहना है कि यदि यह संभावना वास्तविकता में बदलती है, तो बिहार की राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को नया आयाम मिलेगा। अब सबकी निगाहें राजभवन पर हैं, जहां से आने वाली सूची यह तय करेगी कि क्या वास्तव में शालिनी मिश्रा नीतीश सरकार की नई मंत्री बनकर उभरती हैं।