प्रचार थमने के बाद भी राजनीतिक तापमान चढ़ा, राजद खेमे ने लगाया पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप — बोले, लोकतंत्र का हो रहा है अपमान

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मोतिहारी, बिहार विधानसभा चुनाव 2025:

10 नवंबर की रात मोतिहारी में एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरम हो गया। देर रात करीब 8:30 से 9 बजे के बीच राजद प्रत्याशी देवा गुप्ता के समर्थकों और पुलिस के बीच रोड बाटा शोरूम के पास झड़प हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने राजद प्रत्याशी के समर्थकों की गाड़ी को रोककर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन वाहन से कुछ भी संदिग्ध बरामद नहीं हुआ।

इसके बावजूद, पुलिसकर्मियों ने गाड़ी में बैठे समर्थकों को थाने ले जाने का प्रयास किया। इसी बात को लेकर मौके पर तनावपूर्ण स्थिति बन गई। समर्थकों ने विरोध करते हुए सवाल उठाया कि जब गाड़ी से कुछ नहीं मिला तो उन्हें किस आधार पर थाने ले जाया जा रहा है।

राजद समर्थकों ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रही है और विपक्षी दलों को परेशान करने की साजिश रची जा रही है। उनका कहना था कि चुनावी माहौल में विपक्षी दलों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गहरा प्रहार है।

झड़प के बाद मौके पर पहुंचीं मोतिहारी मेयर प्रीति गुप्ता

घटना की जानकारी मिलते ही मोतिहारी मेयर एवं राजद प्रत्याशी देवा गुप्ता की पत्नी प्रीति गुप्ता भी घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि “हमारे समर्थकों को बिना किसी सबूत के परेशान किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन सत्ता के दबाव में काम कर रही है। हमारे लोगों पर पैसे लेकर वोट खरीदने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है, जबकि हमारे पास इसका कोई प्रमाण नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा कि “लोकतंत्र में हर व्यक्ति को प्रचार और समर्थन का अधिकार है, लेकिन प्रशासन हमारे समर्थकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। यह लोकतंत्र का अपमान है। हमें न्याय की उम्मीद थी, लेकिन लगता है अब प्रशासन भी एकतरफा हो गया है।”

स्थानीय लोगों ने भी जताई नाराज़गी

घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और राजद कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए। कई लोगों ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठता है। स्थानीय नागरिकों ने भी कहा कि अगर पुलिस की कार्रवाई निष्पक्ष होती तो किसी अन्य दल के समर्थकों के खिलाफ भी ऐसे कदम उठाए जाते।

मौके पर माहौल कुछ देर तक तनावपूर्ण बना रहा। हालांकि बाद में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप से स्थिति पर नियंत्रण पाया गया।

प्रशासन की सफाई

वहीं, पुलिस सूत्रों के मुताबिक उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ वाहनों से अवैध रूप से नकद राशि ले जाई जा रही है, जिसके बाद यह जांच की गई। हालांकि तलाशी के दौरान कुछ भी आपत्तिजनक बरामद नहीं हुआ। पुलिस ने कहा कि “जांच केवल चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत की गई थी, किसी भी दल को निशाना बनाना हमारा उद्देश्य नहीं था।”

राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़

इस घटना के बाद मोतिहारी की राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ गई है। राजद नेताओं ने प्रशासन पर खुलकर निशाना साधा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह कार्रवाई चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद विपक्षी दलों को डराने की साजिश है। वहीं, सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं ने इस आरोप को “राजनीतिक नाटक” बताया है।

न्याय की मांग और निष्पक्ष जांच की अपील

प्रीति गुप्ता ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो जनता का प्रशासन और कानून व्यवस्था पर से विश्वास उठ जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि “हम लोकतंत्र में भरोसा रखते हैं, लेकिन अगर हमें लगातार उत्पीड़ित किया गया तो हम चुप नहीं बैठेंगे। जनता सब देख रही है और समय आने पर जवाब भी देगी।”

मोतिहारी में चुनाव के दौरान यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या प्रशासन चुनाव प्रक्रिया में पूरी तरह निष्पक्ष है या फिर राजनीतिक दबाव के साए में काम कर रहा है।  मतदान की पुर्ब संध्या पर यह घटना