मोतिहारी जिले से एक बार फिर दहेज उत्पीड़न का दर्दनाक मामला सामने आया है। अहिरौलिया की रहने वाली बबीता की शादी मच्छर गांव निवासी राजमोहन महतो से मात्र आठ महीने पहले बड़े ही धूमधाम से हुई थी। परिवार वालों ने अपनी हैसियत से अधिक दान-दहेज देकर बेटी की नई जिंदगी की शुरुआत की थी, लेकिन यह खुशियां ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाईं।
शादी के बाद बढ़ने लगी लालच की मांग
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, शादी के कुछ ही महीनों बाद बबीता के पति राजमोहन महतो, सास और ससुर ने फिर से दहेज की मांग शुरू कर दी। बबीता पर मोटी रकम और एक मोटरसाइकिल लाने का दबाव बनाया जाने लगा। जब परिवार इस मांग को पूरा नहीं कर सका, तो बबीता को आए दिन प्रताड़ित किया जाने लगा।
मौत के बाद मचा कोहराम
बताया जा रहा है कि शनिवार की सुबह बबीता का शव उसके कमरे में फांसी के फंदे से लटकता हुआ पाया गया। परिवार और ग्रामीणों के बीच हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतका के मायके पक्ष ने ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि “जब दहेज की मांग पूरी नहीं हुई, तो बबीता को मार डाला गया।”
प्रशासनिक जांच शुरू
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। फिलहाल आरोपी पति राजमोहन महतो सहित ससुराल के अन्य सदस्य फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
समाज में आक्रोश और सवाल
इस घटना के बाद क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि आज के समय में भी दहेज जैसी कुप्रथा किसी की जिंदगी छीन रही है, यह समाज के लिए शर्मनाक है।
बबीता की मौत ने फिर एक बार यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक बेटियां दहेज के लालच में बलि चढ़ती रहेंगी?








