कार्तिक छठ महापर्व पूर्वी चम्परण जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी किया महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

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मोतिहारी कार्तिक छठ महापर्व सनातन आस्था और लोक परंपरा का अनूठा संगम माना जाता है। पूर्वांचल सहित पूरे देश में इस पर्व को अत्यंत श्रद्धा, अनुशासन और पवित्रता के साथ मनाया जाता है। छठ व्रत की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं और श्रद्धालु घाटों तथा पूजा स्थलों की सजावट में लगे हुए हैं। ऐसी पावन घड़ी में सुरक्षा और सुव्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आपातकालीन व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए आपदा नियंत्रण कक्ष को सक्रिय कर दिया गया है, ताकि किसी भी आकस्मिक घटना में त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने स्पष्ट किया है कि कार्तिक छठ महापर्व के दौरान अगर किसी भी प्रकार की आपदा, दुर्घटना, जलस्तर में अचानक वृद्धि, भीड़ नियंत्रण संबंधी समस्या या फिर स्वास्थ्य संबंधित आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो व्रतियों और आमजन को घबराने की आवश्यकता नहीं है। विभाग ने जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (DEOC) के नंबर जारी करते हुए आमजन से अपील की है कि किसी भी असामान्य परिस्थिति में तुरंत संपर्क करें और प्रशासनिक सहायता प्राप्त करें।

प्रशासन द्वारा जारी किए गए प्रमुख हेल्पलाइन नंबर निम्न हैंहेल्पलाइन

 . नंबर: 06252-242418                         • मोबाइल नंबर: 9199972558             • आपातकालीन सहायता नंबर: 1070

इन नंबरों पर 24×7 तैनात कर्मचारी हर कॉल का उत्तर देंगे और सूचना प्राप्त होते ही संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के लिए निर्देशित करेंगे। विभाग ने यह भी कहा है कि भीड़भाड़ वाले घाटों पर विशेष एहतियात बरतना आवश्यक है। नदी के बढ़ते जलस्तर और फिसलन भरे घाटों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की अपील की गई है, क्योंकि थोड़ी-सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का रूप ले सकती है।

छठ घाटों पर स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस सेवाएं, गोताखोरों की टीम, होमगार्ड और एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की टीमों को भी तैयार रखा गया है। घाटों पर अस्थायी लाइटिंग, बैरिकेडिंग और साफ-सफाई के विशेष प्रबंध किए गए हैं। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की गई है। प्रशासन ने व्रतियों से अनुरोध किया है कि कृत्रिम तालाबों या असुरक्षित जलाशयों में घाट बनाकर पूजा न करें। शासन-प्रशासन द्वारा चिन्हित सुरक्षित घाटों पर ही श्रद्धालु पूजा करना सुनिश्चित करें।

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा एक जन-जागरूकता अपील भी जारी की गई है कि व्रतियों के साथ आने वाले परिजन भीड़ का अनावश्यक दबाव न बनाएं। इलेक्ट्रिकल तारों या जनरेटर सेट के पास खड़े न हों। जल में उतरते समय बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। अगर किसी भी व्यक्ति को परेशानी महसूस हो तो तत्काल हेल्पलाइन पर संपर्क करें और प्रशासन के निर्देशों का पूर्णतः पालन करें।

कार्तिक छठ महापर्व के दौरान जिला प्रशासन द्वारा सहयोग और सतर्कता की यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रमाण है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सभी नागरिक प्रशासन को सहयोग करेंगे, जिससे यह पर्व पूर्ण शांति, सौहार्द और सुरक्षा के साथ संपन्न हो सके। प्रशासन ने क्षेत्रवासियों से यह भी आग्रह किया है कि अफवाहों से दूर रहें और किसी भी आपात स्थिति में विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए नंबरों पर तुरंत संपर्क करें।