परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का लगायाआरोप, अस्पताल में कि तोड़फोड़
मोतिहारी।
शहर के रहमानिया मेडिकल सेंटर में गुरुवार को किडनी पथरी का ऑपरेशन कराने पहुंचे छोटा बरियारपुर निवासी परवेज आलम (37 वर्ष) की मौत हो गई। परवेज आलम की मौत के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर की गंभीर लापरवाही के कारण मरीज की जान गई है। घटना की सूचना पर छतौनी थाना पुलिस और सदर डीएसपी वन दिलीप सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
खुद बाइक से अस्पताल पहुंचे थे परवेज
जानकारी के मुताबिक, परवेज आलम गुरुवार सुबह खुद बाइक चलाकर रहमानिया मेडिकल सेंटर पहुंचे थे। उन्हें किडनी पथरी की समस्या थी, जिसके लिए उनका ऑपरेशन निर्धारित था। परिजनों ने बताया कि पहली सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति सामान्य थी। लेकिन कुछ ही देर बाद उन्हें पुनः ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। 
ब्लड की हुई मांग
दूसरे चरण के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने परिजनों से तत्काल खून की व्यवस्था करने को कहा। परिजनों का दावा है कि उन्होंने पांच से छह यूनिट ब्लड की व्यवस्था कर अस्पताल को उपलब्ध करा दी। इसके बावजूद करीब दो घंटे तक मरीज की स्थिति के बारे में उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।
जबरन आईसीयू में घुसे परिजन
लंबे इंतजार से परेशान परिजन जबरन आईसीयू में घुसे, तो वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। कंपाउंडर से जानकारी लेने पर यह खुलासा हुआ कि परवेज आलम की मौत हो चुकी है। मौत की जानकारी मिलते ही परिजन आक्रोशित हो उठे और अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। उन्होंने शीशे और कंप्यूटर को क्षतिग्रस्त कर दिया। 
डॉक्टर पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के संचालक डॉ. तबरेज अजीज ने खुद सर्जरी न कर जूनियर डॉक्टरों से ऑपरेशन कराया। उन्होंने गंभीर लापरवाही बरती, जिसकी वजह से मरीज की मौत हुई। परिजनों ने डॉक्टर पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर अस्पताल को सील करने की मांग की है।
पुलिस प्रशासन का आश्वासन
घटना की जानकारी मिलते ही छतौनी थानाध्यक्ष सुनील कुमार और सदर डीएसपी वन दिलीप सिंह मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने आक्रोशित परिजनों को समझाने का प्रयास किया। डीएसपी ने कहा कि लिखित शिकायत मिलने पर मामला दर्ज कर पुलिस जांच शुरू करेगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉक्टर तबरेज अजीज का पक्ष
इधर, आरोपों पर अपना पक्ष रखते हुए डॉ. तबरेज अजीज ने कहा कि परवेज आलम पहले से ही गंभीर किडनी संक्रमण से जूझ रहे थे। उनके शरीर में खून की कमी थी, जिसे ऑपरेशन के दौरान नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। डॉक्टर का कहना है कि मरीज की स्थिति अचानक बिगड़ने के कारण दोबारा सर्जरी करनी पड़ी। इस दौरान भारी मात्रा में ब्लड की जरूरत पड़ी, जो परिजनों ने उपलब्ध कराया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की टीम ने मरीज को बचाने के लिए पूरा प्रयास किया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। 
अस्पताल में तनाव का माहौल
घटना के बाद अस्पताल परिसर में भारी भीड़ जुट गई। परिजनों और स्थानीय लोगों के हंगामे के कारण हालात तनावपूर्ण हो गए। पुलिस बल की तैनाती कर स्थिति को नियंत्रित किया गया। फिलहाल अस्पताल प्रबंधन परिजनों की मांग और पुलिस जांच का इंतजार कर रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर प्राइवेट अस्पतालों की कार्यप्रणाली और निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का कहना है कि यदि समय रहते सही इलाज होता और अनुभवी डॉक्टर ऑपरेशन करते तो परवेज आलम की जान बचाई जा सकती थी। वहीं डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने पूरी ईमानदारी से इलाज किया, लेकिन मरीज की गंभीर स्थिति ने प्रयासों को विफल कर दिया।
आगे की कार्रवाई
डीएसपी दिलीप सिंह ने स्पष्ट किया कि परिजनों की लिखित शिकायत के बाद पुलिस जांच शुरू करेगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और चिकित्सीय जांच के आधार पर ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। दोषियों की पहचान होने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।








