2000 रुपए के विवाद में महिला की हत्या, गर्भवती बेटी गंभीर – मोतिहारी के भलुआ गांव में खूनी संघर्ष

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मोतिहारी, बुधवार।

पूर्वी चंपारण जिले के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भलुआ गांव बुधवार को उस समय दहल उठा, जब महज 2000 रुपए के बकाया पैसों को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। इस घटना में जहां एक 40 वर्षीय महिला की मौत हो गई, वहीं उसकी गर्भवती बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई। पूरे गांव में सनसनी फैल गई और देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

विवाद की शुरुआत

ग्रामीणों के मुताबिक, ट्रैक्टर चालक गुल्लू महतो का मुकेश मंडल से 2000 रुपए का बकाया लेना था। बुधवार की सुबह गुल्लू महतो इस पैसे की मांग को लेकर मुकेश मंडल के घर पहुंचा। पहले दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई, लेकिन मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा। देखते ही देखते विवाद गाली-गलौज और मारपीट में बदल गया।

चाकू से हमला, महिला की मौत

गुस्से में आकर गुल्लू महतो ने चाकू निकाल लिया और सीधे हमला कर दिया। इस दौरान उसने मुकेश मंडल के परिवार को निशाना बनाया। हमले में मुकेश की पत्नी श्रीमती देवी (40 वर्ष) बुरी तरह घायल हो गईं। उनकी गर्भवती बेटी भी चाकू लगने से गंभीर रूप से जख्मी हो गई। आनन-फानन में परिजनों और ग्रामीणों की मदद से दोनों को मोतिहारी सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने श्रीमती देवी को मृत घोषित कर दिया। वहीं गर्भवती बेटी की हालत चिंताजनक होने के कारण उसे बेहतर इलाज के लिए एक निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया।

गांव में फैला तनाव

घटना के बाद पूरे भलुआ गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। परिजनों में मातम छा गया और ग्रामीणों में गुस्सा फैल गया। देखते ही देखते मौके पर काफी संख्या में लोग जुट गए। स्थिति को संभालने के लिए रघुनाथपुर थाना पुलिस को तुरंत सूचना दी गई।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

सूचना मिलते ही रघुनाथपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में लिया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घटना में शामिल दो आरोपियों को मौके से ही हिरासत में ले लिया। मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया।

थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल गांव में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात बरत रही है।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

मृतका के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार के लोग बार-बार यही कह रहे हैं कि 2000 रुपए जैसी मामूली रकम ने उनकी खुशहाल जिंदगी छीन ली। ग्रामीणों का कहना है कि अगर शुरू में ही दोनों पक्ष शांत रहते तो शायद यह दर्दनाक घटना नहीं होती।

ग्रामीणों में दहशत और गुस्सा

गांव के लोगों ने इस घटना को लेकर आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि इतनी छोटी-सी रकम के लिए किसी की जान लेना अमानवीय और क्रूरता की पराकाष्ठा है। घटना के बाद गांव में भय और गुस्से का माहौल है। ग्रामीणों ने मांग की है कि आरोपियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न जुटा सके।

प्रशासन की अपील

पुलिस प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। घटना की पूरी छानबीन की जा रही है और आरोपियों पर सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

निचोड़

मोतिहारी के भलुआ गांव की यह घटना एक बार फिर इस बात को सामने लाती है कि छोटी-छोटी बातों पर उग्र विवाद जानलेवा साबित हो सकते हैं। 2000 रुपए की अदायगी का विवाद, जिसने एक महिला की जिंदगी छीन ली और उसकी गर्भवती बेटी को मौत से जूझने के लिए अस्पताल के बिस्तर पर भेज दिया, समाज के लिए बड़ा सबक है।

इस घटना ने न सिर्फ एक परिवार को बर्बाद कर दिया, बल्कि पूरे गांव को दहशत और शोक में डाल दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस की कार्रवाई कितनी तेज और प्रभावी होती है और दोषियों को किस हद तक सजा मिलती है