संचारी रोग पदाधिकारी के नेतृत्व में टीबी मरीजों के बीच पौष्टिक पोषाहार का वितरण

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मोतिहारी, 09 सितंबर 2025।

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत पूर्वी चंपारण में स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूकता और सहयोग की नई मिसाल कायम कर रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. संजीव एवं नोडल पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार के नेतृत्व में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान निजी चिकित्सकों से अपील की गई कि वे टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके पोषण और उपचार में मदद करें।

इस अपील का सार्थक असर तुरंत दिखा। मोतिहारी शहर के तीन जाने-माने चिकित्सक — डॉ. स्वस्ति सिंहा, डॉ. सुशील कुमार सिन्हा और डॉ. राकेश कुमार ने आगे बढ़कर पाँच-पाँच टीबी मरीजों को गोद लेने की घोषणा की। इन मरीजों को वे पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएँगे और स्वास्थ्य सुधार की दिशा में सहयोग करेंगे। वहीं, शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. आशुतोष शरण ने भी बड़ा संकल्प लिया है। उन्होंने निकट भविष्य में 30 टीबी मरीजों को पोषण पोटली उपलब्ध कराने पर सहमति जताई है।

इसी बीच जिला यक्ष्मा केंद्र में पाँच चयनित टीबी मरीजों के बीच पौष्टिक पोषाहार का वितरण किया गया। चना, गुड़, दाल, मूंगफली, तेल और घी जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरी यह “पोषण पोटली” मरीजों को प्रदान की गई। मौके पर मौजूद डॉ. संजीव ने बताया कि संतुलित आहार टीबी के इलाज में दवाइयों जितना ही अहम है। उन्होंने कहा— “भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह तभी संभव होगा जब समाज का हर वर्ग मरीजों को सहयोग करने की जिम्मेदारी उठाए।”

उन्होंने आँकड़े साझा करते हुए कहा कि हर साल भारत में करीब 26 लाख लोग टीबी से पीड़ित होते हैं, जिनमें से लगभग 4 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं। यह बीमारी न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी मरीजों को तोड़ देती है। इलाज और दवाइयों के साथ पौष्टिक भोजन का खर्च उठाना गरीब परिवारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे में ‘निक्षय मित्र योजना’ इस अभियान को सामाजिक सहयोग से जोड़ने का एक प्रभावी प्रयास है।

यह योजना पूरी तरह स्वैच्छिक है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति, समूह या संस्था छह माह तक किसी मरीज की मदद कर सकता है। पंजीयन प्रक्रिया सरल है और इसे ऑनलाइन भी पूरा किया जा सकता है। इसके तहत मदद करने वालों को पोषण सामग्री जैसे चना, दाल, गुड़, मूंगफली, तेल, घी आदि उपलब्ध कराना होता है।

इस अवसर पर वर्ल्ड विजन और सिफार संस्था के प्रतिनिधियों के साथ स्वास्थ्यकर्मी अमरेंद्र कुमार भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का माहौल उत्साहजनक रहा, जहाँ डॉक्टरों और समाजसेवियों ने मिलकर यह संदेश दिया कि यदि सामूहिक प्रयास किया जाए तो टीबी जैसी घातक बीमारी पर विजय पाना संभव है।

अंत में डॉ. संजीव ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि “निक्षय मित्र योजना” को ज्यादा से ज्यादा लोग अपनाएँ और टीबी मरीजों को न केवल उपचार बल्कि पोषण और आजीविका में भी सहयोग दें। यही इस अभियान की असली सफलता होगी और इसी से भारत को टीबी मुक्त बनाने का सपना साकार होगा।