अरेराज में अनन्त चतुर्दशी पर्व पर उमड़ा आस्था का सैलाब, ढाई लाख से अधिक कांवरियों ने किया बाबा सोमेश्वरनाथ का जलाभिषेक

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अरेराज, पूर्वी चंपारण

अनन्त चतुर्दशी पर्व पर अरेराज स्थित ऐतिहासिक सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। सोमवार को तड़के सुबह से ही कांवरियों की भारी भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ पड़ी। बेलवा घाट स्थित बागमती और लालबकेया नदी के पवित्र संगम सहित आसपास की अन्य नदियों से जलबोझी कर श्रद्धालु कांवर यात्रा के माध्यम से बाबा दरबार पहुंचे और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जलाभिषेक किया।

मंदिर प्रबंधन समिति और प्रशासन के अनुमान के अनुसार दिनभर में ढाई लाख से अधिक कांवरियों ने बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। भीड़ के दबाव को देखते हुए डाक बम कांवरियों के लिए मंदिर प्रबंधन ने विशेष व्यवस्था की थी, ताकि उन्हें बिना किसी रोक-टोक के सीधे गर्भगृह तक पहुंचकर जल अर्पण करने की सुविधा मिल सके।

उमड़ा जनसैलाब, प्रशासन ने संभाली व्यवस्था

अनन्त चतुर्दशी पर्व पर बाबा दरबार में उमड़ी भीड़ का आलम यह था कि मंदिर परिसर से लेकर आसपास की सड़कों तक कांवरियों का तांता लगा रहा। भीड़ का दबाव इतना अधिक हो गया कि अनुमंडल प्रशासन को विशेष इंतज़ाम करने पड़े। प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती हर कोने पर की गई। साथ ही महिला कांवरियों के लिए अलग कतार, चिकित्सा शिविर और पेयजल की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई गई।

भीड़ नियंत्रण के उद्देश्य से गर्भगृह की प्रथम पूजा सम्पन्न करने के बाद मंदिर के कपाट को देर रात 12.45 बजे कांवरियों के दर्शनार्थ खोला गया। इससे भक्तगण सुव्यवस्थित तरीके से बाबा भोलेनाथ का दर्शन कर सके।

धार्मिक माहौल और वैदिक ध्वनियां

मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार और हर-हर महादेव के जयघोष से वातावरण गूंज उठा। भक्तजन ‘बोल बम’ और ‘हर-हर महादेव’ के नारे लगाते हुए कतारबद्ध होकर गर्भगृह की ओर बढ़ते दिखे। श्रद्धा और आस्था से सराबोर कांवरियों ने भगवान शिव के समक्ष अपने परिवार की सुख-समृद्धि, समाज में शांति और देश की तरक्की की कामना की।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतज़ाम

मंदिर प्रबंधन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह पंडाल बनाए, जहां भक्तगण धूप और बारिश से बचकर विश्राम कर सकें। भोजन, जलपान और चिकित्सकीय सहायता के लिए भी अलग-अलग टीमों की तैनाती की गई। वहीं डाक बम कांवरियों के लिए अलग प्रवेश द्वार से गर्भगृह तक सीधी लाइन बनाई गई थी, जिससे उन्हें जलाभिषेक में कोई परेशानी न हो।

ऐतिहासिक महत्व का मंदिर

अरेराज का सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर सिर्फ पूर्वी चंपारण ही नहीं, बल्कि संपूर्ण उत्तर बिहार का एक प्रमुख धार्मिक केंद्र माना जाता है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। सावन और भादो के महीने में यहां कांवरियों की भारी भीड़ जुटती है, लेकिन अनन्त चतुर्दशी के अवसर पर यहां विशेष आकर्षण देखा जाता है।

भक्तिमय माहौल में सम्पन्न हुआ पर्व

दिनभर बाबा दरबार में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। रात होते-होते भी भीड़ में कमी नहीं आई। हर उम्र के लोग कांवर उठाकर लंबी दूरी तय करते हुए बाबा के दरबार पहुंचे। अनन्त चतुर्दशी के इस पावन अवसर पर अरेराज नगरी सचमुच शिवमय हो गई।