खिलाड़ियों ने दौड़, कबड्डी, योग, रस्साकस्सी से लेकर तलवारबाजी तक में दिखाया दमखम
मोतिहारी, पूर्वी चंपारण।
राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 के अवसर पर पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण पटना और खेल विभाग बिहार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय खेल महोत्सव का समापन 31 अगस्त को खेल भवन मोतिहारी स्थित इंडोर हॉल में हुआ। इस अवसर पर विभिन्न खेल एवं फिटनेस गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के हजारों खिलाड़ी, छात्र-छात्राओं और स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
तीन दिनों तक चले इस भव्य आयोजन ने जिले में खेलों के प्रति नई चेतना जगाई। जिला खेल पदाधिकारी श्री शुभम कुमार की देखरेख में हुए कार्यक्रम का उद्घाटन 29 अगस्त को हुआ। शुभारंभ समारोह में माननीय सांसद श्री राधा मोहन सिंह, माननीय विधायक प्रमोद कुमार, जिलाधिकारी श्री सौरभ जोरवाल, नगर आयुक्त श्री सौरभ सुमन यादव, अनुमंडल पदाधिकारी श्वेता भारती, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी समग्र शिक्षा उपस्थित थे। इन सभी जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर 3000 मीटर मैराथन प्रतियोगिता की शुरुआत की।
पहले दिन का आयोजन
29 अगस्त को पुरुष एवं महिला वर्ग में 3000 मीटर की मैराथन दौड़ का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। दौड़ के साथ ही जिले के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और संस्थानों में खेल दिवस से संबंधित गतिविधियाँ आयोजित की गईं। शारीरिक शिक्षकों के नेतृत्व में क्विज, संभाषण, पेंटिंग, स्ट्रेचिंग चैलेंज, स्पून रेस, साइकिल रेस, क्रिकेट, म्यूजिकल चेयर जैसी प्रतियोगिताएँ बच्चों और युवाओं के बीच आकर्षण का केंद्र बनीं।
स्थानीय खेल भवन मोतिहारी में कबड्डी, वुशू, थांग-टा, तलवारबाजी और जिम गतिविधि का प्रदर्शन किया गया, जिसने खेल प्रेमियों को रोमांचित कर दिया।
दूसरे दिन का आयोजन
30 अगस्त को योग, खो-खो, बैडमिंटन और एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। एथलेटिक्स में 60 मीटर, 100 मीटर दौड़, लंबी कूद और भाला प्रक्षेपण की स्पर्धाओं ने प्रतिभागियों की गति और शक्ति दोनों की परीक्षा ली। विशेष रूप से 16 वर्ष से कम आयु के बालक-बालिकाओं की प्रतियोगिताओं ने बच्चों में खेल भावना को बढ़ावा दिया। दिनभर चले इन खेलों में जिले के विभिन्न विद्यालयों और खेल संघों से आए प्रतिभागियों ने अपने कौशल का शानदार प्रदर्शन किया।
तीसरे दिन का आयोजन
31 अगस्त को खेल महोत्सव का अंतिम दिन रहा। इस दिन खेल भवन के इंडोर हॉल में रस्सा-कस्सी और जूडो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। बालक और बालिका वर्ग में हुए मुकाबलों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। हालांकि भारी वर्षा के कारण संडे ऑफ साइकिलिंग रेस प्रतियोगिता को स्थगित करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद उत्साह में कोई कमी नहीं रही।
सम्मान एवं पुरस्कार वितरण
तीन दिवसीय खेल महोत्सव में भाग लेने वाले सभी विजेता एवं उपविजेता खिलाड़ियों को मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह में संबंधित खेल संघों के अध्यक्ष, सचिव, तकनीकी पदाधिकारी एवं कार्यालय कर्मी मौजूद रहे। खिलाड़ियों के चेहरों पर मेडल पाकर जोश और आत्मविश्वास साफ झलक रहा था।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर विशेष संदेश
इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल केवल शारीरिक फिटनेस का माध्यम नहीं है, बल्कि यह अनुशासन, आत्मविश्वास और टीम भावना विकसित करता है। खेल दिवस का आयोजन महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती पर पूरे देश में किया जाता है। मोतिहारी में हुआ यह आयोजन उनकी स्मृति को नमन करने और युवाओं को खेल की ओर प्रेरित करने का एक सशक्त प्रयास रहा।
जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने कहा कि जिला प्रशासन लगातार युवाओं को खेलकूद से जोड़ने के लिए तत्पर है। वहीं सांसद राधा मोहन सिंह ने कहा कि ग्रामीण इलाकों के खिलाड़ी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँच सकते हैं, बशर्ते उन्हें सही अवसर और प्रशिक्षण मिले। विधायक प्रमोद कुमार ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि खेलों से जिले का नाम रोशन होगा।
खेल महोत्सव की खास बातें
3000 मीटर मैराथन दौड़ पुरुष एवं महिला वर्ग में आकर्षण का केंद्र रही।
कबड्डी, तलवारबाजी और वुशू जैसे खेलों ने बच्चों और युवाओं को नया अनुभव दिया।
स्कूलों में क्विज, पेंटिंग और स्ट्रेचिंग चैलेंज जैसी गतिविधियों ने खेल दिवस को रचनात्मक आयाम दिया।
रस्सा-कस्सी और जूडो प्रतियोगिता ने समापन दिवस को यादगार बना दिया।
भारी वर्षा के बावजूद आयोजन सफल रहा, केवल साइकिलिंग रेस स्थगित करनी पड़ी।
इस तीन दिवसीय आयोजन ने मोतिहारी जिले में खेल संस्कृति को नई ऊर्जा दी है। खिलाड़ियों, अभिभावकों और आम लोगों की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित किया कि खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और राष्ट्र निर्माण का मजबूत आधार भी है।








