महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी मोतिहारी में द प्रिंट की खबर पर भड़के छात्र, अखबार की प्रतियां जलाईं, सड़क पर उतर किया विरोध

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मोतिहारी से विशेष रिपोर्ट 

मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में गुरुवार को माहौल उस समय गर्म हो गया, जब बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन (बीएमसी) के छात्रों ने द प्रिंट अंग्रेजी अखबार में छपी एक खबर के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि अखबार में प्रकाशित खबर तथ्यों से परे, भ्रामक और विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने वाली है।

क्या है विवाद की जड़

द प्रिंट ने अपने अंग्रेजी संस्करण में हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें दावा किया गया था कि महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, पढ़ाई में अनियमितता है और छात्रों को शैक्षणिक संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कक्षाओं और सुविधाओं की कमी के चलते शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

यही खबर छात्रों को नागवार गुज़री। बीएमसी के छात्रों का कहना है कि रिपोर्ट में बिना विश्वविद्यालय प्रशासन से पक्ष लिए एकतरफा और नकारात्मक बातें प्रकाशित की गई हैं, जिससे न केवल छात्रों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा पर भी आंच आई।

कैसे हुआ विरोध प्रदर्शन

गुरुवार सुबह बीएमसी विभाग के दर्जनों छात्र-छात्राएं परिसर में इकट्ठा हुए और नारेबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते यह विरोध मार्च में बदल गया, जो विश्वविद्यालय परिसर से निकलकर मुख्य सड़क तक जा पहुंचा। इस दौरान छात्रों ने द प्रिंट की प्रकाशित रिपोर्ट की प्रतियां जलाकर अपना गुस्सा जाहिर किया।

छात्रों का कहना था कि मीडिया का काम सच दिखाना है, लेकिन आधे-अधूरे तथ्यों के साथ खबरें छापना पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उनका आरोप था कि यह रिपोर्ट जानबूझकर यूनिवर्सिटी के खिलाफ बनाई गई नकारात्मक छवि पेश करने के लिए छापी गई है।

प्रोफेसर को सौंपा ज्ञापन

विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को भी अपनी शिकायत से अवगत कराया। छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें द प्रिंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। ज्ञापन में छात्रों ने मांग रखी कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अखबार से सार्वजनिक माफी मंगवाए और भविष्य में इस तरह की गलत रिपोर्टिंग को रोकने के लिए कदम उठाए।

छात्रों का पक्ष

प्रदर्शन कर रहे छात्र नेता अंकित कुमार ने कहा,

“हम यहां पढ़ाई करते हैं, हमें पता है कि यूनिवर्सिटी में सुविधाएं और पढ़ाई कैसी है। रिपोर्ट में जो बातें लिखी गईं, उनमें सच्चाई नहीं है। पत्रकारों को चाहिए कि वे किसी भी संस्थान पर खबर छापने से पहले वहां आकर ग्राउंड रिपोर्ट लें और दोनों पक्षों को शामिल करें।”

वहीं छात्रा प्रिया कुमारी ने कहा,

“हम मास कम्युनिकेशन पढ़ते हैं और हमें पता है कि पत्रकारिता का मूल सिद्धांत संतुलित और तथ्य आधारित रिपोर्टिंग है। द प्रिंट ने यह सिद्धांत तोड़ा है। इसलिए हमने विरोध किया है।”

महा विधालय प्रशासन की प्रतिक्रिया

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, संबंधित खबर का संज्ञान लेकर उसका तथ्यात्मक विश्लेषण किया जा रहा है। यदि पाया गया कि रिपोर्ट में तथ्यों की गलत प्रस्तुति की गई है, तो अखबार से औपचारिक शिकायत दर्ज कराई जाएगी।

यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,

“हम मीडिया की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, लेकिन साथ ही हम अपेक्षा करते हैं कि कोई भी खबर पूरी जांच-पड़ताल और दोनों पक्षों को शामिल करने के बाद ही प्रकाशित हो।”

पत्रकारिता और जिम्मेदारी पर सवाल

यह विवाद एक बार फिर इस बात पर बहस छेड़ता है कि क्या मीडिया संस्थानों को किसी भी शैक्षणिक संस्थान या सार्वजनिक संगठन पर खबर छापने से पहले ग्राउंड वेरिफिकेशन करना चाहिए। खासतौर पर जब मामला शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र से जुड़ा हो, तो जिम्मेदार और संतुलित पत्रकारिता की अपेक्षा और भी बढ़ जाती है।

छात्रों का यह भी कहना है कि इस तरह की खबरें न केवल मौजूदा छात्रों को प्रभावित करती हैं, बल्कि भावी छात्रों के प्रवेश के निर्णय पर भी असर डाल सकती हैं।

आगे की राह

फिलहाल बीजेएमसी छात्रों का विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हो गया, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। उधर, स्थानीय स्तर पर यह घटना चर्चा का विषय बन गई है और सोशल मीडिया पर भी इसके वीडियो और तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं।

अब देखना होगा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन और द प्रिंट के बीच इस मामले का समाधान किस तरह निकलता है और क्या यह विवाद पत्रकारिता में जिम्मेदारी और संतुलन की दिशा में कोई नया संदेश देता है या नहीं।