नौतन प्रखंड के मंगलपुर गुदरिया स्थित आरपीएस पब्लिक स्कूल में श्रवण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर राखी का पावन त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर छात्राओं ने भाई रूपी सहपाठियों की कलाई पर राखी बांधकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विद्यालय परिसर में भाई-बहन के इस पवित्र बंधन का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
राखी के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि इस पर्व की परंपरा सदियों पुरानी है। इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि चित्तौड़ की महारानी पद्मावती ने अपनी रक्षा के लिए दिल्ली के बादशाह हुमायूं को राखी भेजकर भाई बनाया था। हुमायूं ने इस रिश्ते का सम्मान करते हुए महारानी की रक्षा की प्रतिज्ञा निभाई। इसके बाद भारतवर्ष में राखी का प्रचलन तेजी से बढ़ा और यह भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक बन गया।
महाभारत काल का भी एक महत्वपूर्ण प्रसंग इस पर्व की महत्ता को दर्शाता है। जब भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल का वध किया, तो उनके सुदर्शन चक्र के लौटने के दौरान तर्जनी उंगली कट गई और रक्त बहने लगा। उस समय उनकी मुंहबोली बहन द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का आंचल फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली पर बांध दिया। इस प्रेम और त्याग के भाव ने राखी को और भी पवित्र बना दिया। बाद में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के चीर हरण के समय उसकी लाज बचाकर अपने भाई होने का कर्तव्य निभाया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि राखी का धागा सिर्फ एक रेशम का धागा नहीं, बल्कि यह विश्वास, सुरक्षा और त्याग का अटूट बंधन है। बहन अपने भाई की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि की कामना करते हुए उसकी कलाई पर राखी बांधती है। बदले में भाई जीवनभर उसकी रक्षा का वचन देता है। यह संबंध इतना अनमोल है कि इसे कोई भी कीमत चुकाकर नहीं खरीदा जा सकता।
हालांकि वक्ताओं ने यह भी कहा कि कलयुग में इस रिश्ते की महानता पहले जैसी देखने को कम मिलती है, लेकिन इसके संदेश आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायी हैं। त्रेता युग और द्वापर युग के उदाहरण बताते हैं कि भाई के लिए बहन की इज्जत और सुरक्षा सर्वोपरि होती है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य ने इस अवसर पर सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस त्योहार का असली संदेश है आपसी प्रेम, विश्वास और सम्मान को बनाए रखना। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे इस परंपरा को केवल एक औपचारिकता के रूप में न देखें, बल्कि इसके मूल भाव को समझें और जीवन में अपनाएं।
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने राखी पर कविता, भाषण और गीत भी प्रस्तुत किए। वातावरण में भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और भावनाओं की गर्माहट महसूस की जा सकती थी।
गौरतलब है कि इस वर्ष राखी का पर्व पूर्णमासी तिथि, शनिवार को घर-घर में धूमधाम से मनाया जाएगा, जब बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करेंगी।