पूर्वी चंपारण, कोटवा
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत इन दिनों लगातार बिहार के अलग-अलग जिलों, प्रखंडों और गांवों में जनसंवाद कर रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को वे पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर विधानसभा अंतर्गत कोटवा उच्च विद्यालय मैदान में पहुंचे, जहां आयोजित ‘बिहार बदलाव सभा’ को उन्होंने संबोधित किया।
सभा में उमड़ी भारी भीड़ को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने बिहार की मौजूदा राजनीति और शासन व्यवस्था पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा—
आपने मोदी का चेहरा देखकर वोट दिया तो चायवाला प्रधानमंत्री बन गया। लालू यादव का चेहरा देखकर वोट दिया तो भैंस चराने वाला 30 साल से बिहार पर राज कर रहा है। नीतीश कुमार का चेहरा देखकर वोट दिया तो वैद्य का बेटा 20 साल से शासन चला रहा है। लेकिन आपने आज तक कभी अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट नहीं दिया।”
बच्चों के भविष्य की राजनीति कीजिए, नेताओं के चेहरे पर मत जाइए: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने जनता से सीधा सवाल किया—
क्या आपने कभी अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए वोट किया? अगर नहीं, तो यही वजह है कि आज आपके बच्चे गुजरात की फैक्ट्रियों में मजदूरी कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि अब वक्त आ गया है कि जनता नेताओं के वादों और चेहरों से प्रभावित न होकर अपने परिवार और बच्चों के भविष्य के लिए वोट करे।
चाहे लालू हों, नीतीश हों या मोदी— इन नेताओं ने सिर्फ आपको और आपके बच्चों को ठगा है। इस बार नेताओं का चेहरा नहीं, अपने बच्चों का भविष्य देखकर वोट कीजिए।
छठ के बाद बिहार में बड़ा बदलाव: युवाओं को मिलेगा यहीं रोजगार
सभा के दौरान प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण के युवाओं के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण वादा किया। उन्होंने कहा—
इस बार बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी। इसके बाद आपके बच्चों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें बिहार में ही 10 से 12 हजार रुपये का रोजगार मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि बिहार भर के करीब 50 लाख युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार देकर राज्य से बाहर जाने की मजबूरी खत्म की जाएगी।
हर बुजुर्ग को मिलेगी ₹2000 की मासिक पेंशन
प्रशांत किशोर ने दिसंबर 2025 से राज्य के हर बुजुर्ग को मासिक ₹2000 पेंशन देने का वादा भी किया।
उन्होंने कहा—
“60 साल से अधिक उम्र के हर महिला-पुरुष को बिना किसी भेदभाव के पेंशन दी जाएगी। बुजुर्गों को किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। सरकार उनकी जिम्मेदारी लेगी।”
सरकारी स्कूल सुधरें तब तक सरकार देगी निजी स्कूल की फीस
बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार नहीं होता, तब तक गरीब बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाइए। फीस सरकार देगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि गरीब का बच्चा भी इंग्लिश मीडियम में पढ़ सके और आगे बढ़ सके।उन्होंने इसे “शिक्षा में बराबरी का पहला कदम” बताया।
नेता नहीं सोच बदलिए, तभी बदलेगा बिहार: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने अपनी बात को धार देते हुए कहा—
अगर आप वही नेता चुनते रहेंगे जो वर्षों से कुछ नहीं कर पाए, तो अगली पीढ़ी भी मजदूरी करेगी। अब न जाति चलेगी, न जुमला। अब बात होगी विकास की, रोजगार की, शिक्षा की और भविष्य की।
भीड़ ने किया समर्थन, बदलाव की गूंज दूर तक
सभा में उमड़ी भीड़ और बार-बार तालियों से गूंजता मैदान यह संकेत दे रहा था कि प्रशांत किशोर की बातें लोगों के दिल को छू रही हैं। खासकर युवा और महिला वर्ग उनकी घोषणाओं से जुड़ता दिखा।
बिहार में बढ़ती बेरोजगारी, खराब शिक्षा व्यवस्था और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर जो सवाल प्रशांत किशोर उठा रहे हैं, वे हर परिवार के सवाल हैं।
अब देखना यह है कि जनता बच्चों के भविष्य के लिए वोट करेगी या फिर एक बार फिर चेहरों के नाम पर ठगी जाएगी?
बिहार में 2025 के चुनाव से पहले यह सभा और प्रशांत किशोर की घोषणाएं सियासी माहौल को पूरी तरह बदलने की ताकत रखती हैं।
क्या जनता वाकई अब चेहरों से आगे जाकर सोच बदलेगी
रिपोर्ट:- Republic 7 भारत स्थान: कोटवा, पूर्वी चंपारण दिनांक: 3 अगस्त 2025