सड़क निर्माण के विरुद्ध व्यापारियों का आक्रोश फूटा, मोतिहारी चेंबर ऑफ कॉमर्स के बैनर तले सत्याग्रह चौक पर जोरदार धरना प्रदर्शन

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मोतिहारी | पूर्वी चंपारण   शहर के मध्य स्थित सत्याग्रह चौक पर आज मोतिहारी चेंबर ऑफ कॉमर्स के तत्वावधान में लोक निर्माण विभाग एवं जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार धरना-प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन जानपुल चौक से मीना बाजार चौक तक बनाई जा रही सड़क की ऊंचाई बढ़ाए जाने के विरोध में किया गया। दो दिन पूर्व इस मार्ग पर पुनर्निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था, जिससे दुकानदारों की दुकानों की ऊंचाई अपेक्षाकृत सड़क से काफी नीचे हो गई है। व्यापारियों का कहना है कि बरसात के दिनों में यह स्थिति उनके व्यवसाय के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।

धरना स्थल पर मौजूद व्यापारियों ने बताया कि अगर सड़क की ऊंचाई इसी तरह बढ़ती रही, तो उनकी दुकानों में जलजमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी। कई दुकानदारों ने यह भी बताया कि इससे उनकी दुकानों में सामान खराब होने की आशंका बनी रहती है और ग्राहक भी ऐसे दुकानों में आने से कतराएंगे।

चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अंगद सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कल ही जिलाधिकारी से मिलकर इस विषय पर एक लिखित ज्ञापन सौंपा था। साथ ही उन्होंने अनुरोध किया था कि जब तक समस्या का समाधान नहीं निकले, निर्माण कार्य को तत्काल रोका जाए। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने के कारण व्यापारियों में भारी रोष व्याप्त हो गया।

अंगद सिंह ने आज के धरना प्रदर्शन को व्यापारियों की पीड़ा का स्वर बताते हुए कहा, “हम किसी भी विकास कार्य के विरोध में नहीं हैं, लेकिन जब विकास व्यापार का विनाश करने लगे तो आवाज उठाना जरूरी हो जाता है। सड़क की ऊंचाई बढ़ाने से पूरा व्यापारिक क्षेत्र बर्बाद हो जाएगा।”

धरना में उपस्थित अन्य प्रमुख सदस्यों में पूर्व अध्यक्ष बीरेंद्र जालान, सुधीर अग्रवाल, रवि कृष्ण लोहिया, विशाल कुमार, राजीव विजडम, संजय जायसवाल, संयोजक मनीष कुमार, उपाध्यक्ष सुधीर गुप्ता, उपसचिव अनिल बोहरा, कार्यकारिणी सदस्य चंदू मिश्रा, राहुल शर्मा, श्याम कुमार, रवि शेखर, अरुण कुमार, रोहित शाह और आशुतोष कुमार शामिल थे।

धरना में स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार भी शामिल हुए और उन्होंने सड़क निर्माण की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे न सिर्फ दुकानें बल्कि स्थानीय आवागमन भी प्रभावित होगा। उन्होंने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि आज रात में भी निर्माण कार्य जारी रहा, तो वे आंदोलन को और उग्र करेंगे। आने वाले दिनों में बाजार बंदी, रोड जाम, मानव शृंखला जैसे बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन की योजना बनाई जाएगी।

स्थानीय नागरिकों ने भी व्यापारियों का समर्थन किया है। आम जनता का कहना है कि सड़कों का निर्माण जरूरी है, लेकिन यदि वह समुचित योजना के बिना और जनहित की अनदेखी करके किया जाए, तो वह केवल परेशानी बढ़ाएगा।

चेंबर के सदस्यों ने कहा कि जब तक जिला प्रशासन इस मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाता और सड़क की ऊंचाई पर पुनर्विचार नहीं करता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस आंदोलन का उद्देश्य प्रशासन को चेताना है, ना कि बाधा डालना।

यह धरना प्रदर्शन एक तरफ जहां स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है, वहीं यह भी दिखाता है कि यदि जनहित की अनदेखी की जाए, तो व्यापारी वर्ग भी अब चुप बैठने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में प्रशासन की ओर से क्या रुख अपनाया जाता है, यह देखना दिलचस्प होगा।