पुलिस क्लब की ज़मीन से अतिक्रमण हटाकर बनेगी नई पुलिस कॉलोनी, 300 बैरकों के निर्माण का भूमि पूजन संपन्न

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शहर स्थित पुलिस क्लब की 2.5 एकड़ भूमि पर से भू-माफियाओं और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी की मिलीभगत से किया गया कब्जा हटाया गया, पुलिस बल के लिए बनेगी नई कॉलोनी

शहर के बीचों-बीच स्थित बहुप्रतीक्षित पुलिस क्लब की लगभग 2.5 एकड़ भूमि को आखिरकार अतिक्रमण से मुक्त करा लिया गया है। वर्षों से यह ज़मीन भू-माफियाओं और एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी की मिलीभगत से अवैध कब्जे में थी, लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की तत्परता से अब यह जमीन अपने मूल उद्देश्य की ओर लौट चुकी है।

इस ऐतिहासिक कार्यवाही के बाद अब इस ज़मीन पर पुलिस कॉलोनी का निर्माण शुरू कर दिया गया है। सोमवार को भूमि पूजन कर 300 नए पुलिस बैरकों के निर्माण कार्य की विधिवत शुरुआत की गई। समारोह में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, प्रशासनिक पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। भूमि पूजन के बाद निर्माण एजेंसी को निर्देश दिया गया है कि कार्य गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।

कब्जे की कहानी और प्रशासन की सख़्ती

सूत्रों के मुताबिक, यह ज़मीन पुलिस विभाग को आवंटित थी, जिसका उपयोग पुलिस क्लब और कर्मियों की सुविधाओं के लिए किया जाना था। लेकिन कुछ वर्षों पूर्व एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने कुछ भू-माफियाओं की मदद से इस पर धीरे-धीरे कब्जा जमा लिया था। इस जमीन पर अवैध निर्माण शुरू हो चुके थे और निजी स्वामित्व का भ्रम फैलाकर कई हिस्सों को बेचने की कोशिश भी की जा रही थी।

जिला प्रशासन को जैसे ही इस पूरे प्रकरण की जानकारी मिली, तत्काल प्रभाव से जांच बैठाई गई। कागजातों की पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि ज़मीन सरकारी है और पुलिस विभाग के नाम पर दर्ज है। इसके बाद एसडीओ और नगर थाना पुलिस के सहयोग से पूरी कार्रवाई की गई और अतिक्रमण हटाया गया।

पुलिस कॉलोनी का स्वरूप

पुलिस विभाग द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, प्रथम चरण में 300 बैरकों का निर्माण किया जाएगा, जिससे थानों में पदस्थापित जवानों को आवासीय सुविधा मिल सकेगी। फिलहाल अधिकांश पुलिसकर्मी किराये पर या बहुत ही तंग हालात में रह रहे हैं। इस कॉलोनी में बैरकों के अलावा सामुदायिक भवन, प्रशिक्षण केंद्र और हरीतिमा के लिए पार्क आदि भी बनाए जाएंगे।

पदाधिकारियों के आवास का भी प्रस्ताव भेजा गया

उक्त ज़मीन के बचे हिस्से पर वरीय पुलिस अधिकारियों के लिए आवासीय परिसर निर्माण हेतु भी प्रस्ताव भेजा गया है। अगर यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो यह पूरे ज़िले में पुलिस बल की संरचनात्मक व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इससे पुलिसकर्मियों को न सिर्फ आवासीय राहत मिलेगी बल्कि उनके कामकाज में भी सुधार आएगा।

जनता और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

इस कदम की शहरवासियों ने सराहना की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षो से यह ज़मीन बदहाल स्थिति में पड़ी थी और असामाजिक तत्वों का अड्डा बनती जा रही थी। अब यहाँ पुलिस कॉलोनी बनने से क्षेत्र में सुरक्षा का माहौल बेहतर होगा और स्थानीय विकास को भी गति मिलेगी।

स्थानीय विधायक ने भूमि पूजन समारोह में कहा, “सरकार की प्राथमिकता है कि कानून व्यवस्था के रखवालों को बेहतर सुविधा मिले। यह परियोजना उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।”

भविष्य की उम्मीदें

इस तरह की कार्यवाही से स्पष्ट संदेश गया है कि चाहे कोई भी व्यक्ति हो, सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा अब नहीं चलेगा। यह पहल न केवल पुलिस बल के मनोबल को बढ़ाएगी, बल्कि शहर के अन्य हिस्सों में हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ भी एक उदाहरण पेश करेगी।

प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि शहर में ऐसी अन्य शासकीय ज़मीनों की भी समीक्षा की जा रही है, जिनपर अवैध कब्जा हो सकता है। आने वाले समय में और भी अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की संभावनाएं प्रबल हैं।

निष्कर्ष

पुलिस क्लब की भूमि पर से अतिक्रमण हटाकर पुलिस कॉलोनी के निर्माण का यह कदम प्रशासनिक इच्छाशक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। इससे पुलिस बल को आवासीय सुविधा के साथ एक सुरक्षित और संगठित वातावरण मिलेगा, जो अंततः कानून व्यवस्था को मजबूत बनाएगा।