बाल श्रम के विरुद्ध मोतिहारी में चला सघन जाँच अभियान, एक बाल श्रमिक विमुक्त

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रिपोर्टरिपब्लिक 7 भारत टीम, मोतिहारी | दिनांक – 05 मई, 2025

पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी सदर प्रखंड में आज दिनांक 05.05.2025 को एक महत्वपूर्ण और सघन जाँच अभियान चलाया गया। यह अभियान श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार के निर्देश के तहत तथा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, मोतिहारी सदर के नेतृत्व में संचालित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के उल्लंघन की जाँच करना और बाल श्रमिकों की पहचान कर उन्हें विमुक्त कराना था।

इस विशेष अभियान के दौरान मोतिहारी सदर प्रखंड अंतर्गत न्यू मोटरसाइकिल रिपेयरिंग नामक प्रतिष्ठान पर छापा मारा गया, जहाँ से एक नाबालिग बाल श्रमिक को काम करते हुए पाया गया। विशेष धावा दल की टीम ने तत्परता दिखाते हुए बालक को तत्काल प्रतिष्ठान से विमुक्त कराया और आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए उसे बाल कल्याण समिति, पूर्वी चंपारण, मोतिहारी के समक्ष प्रस्तुत किया। इसके उपरांत बालक को सुरक्षित रूप से बाल गृह में भेज दिया गया।

श्रम अधीक्षक रमाकांत ने बताया कि यह अभियान बाल श्रम के उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्वी चंपारण जिले में इस तरह के अभियान निरंतर जारी रहेंगे ताकि बाल श्रम पर पूर्णतया रोक लगाई जा सके। अधीक्षक ने यह भी कहा कि जिन प्रतिष्ठानों में बाल श्रमिकों को कार्यरत पाया जाएगा, उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अनुसार, 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के व्यवसायिक कार्य में संलिप्त करना गैरकानूनी है। इस कानून के तहत यदि कोई नियोजक किसी बालक से कार्य कराता पाया जाता है, तो उसे 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का आर्थिक दंड और अधिकतम दो वर्षों तक का कारावास भुगतना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार, ऐसे मामलों में नियोजकों से प्रति बाल श्रमिक बीस हजार रुपये की राशि की वसूली अनिवार्य है।

श्रम अधीक्षक रमाकांत ने अपील की कि सभी प्रतिष्ठान मालिक बाल श्रम से दूर रहें और बच्चों को शिक्षा तथा सुरक्षित जीवन देने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार सभी बच्चों का मौलिक अधिकार है और किसी भी स्थिति में उन्हें शिक्षा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

आज की विशेष धावा दल की टीम में कई विभागों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी – मोतिहारी सदर, घोड़ासाहन, फेनहरा और बनकटवा से आए पदाधिकारी, AHTU (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट), प्रयास संस्था, न्याय नेटवर्क के प्रतिनिधि, पुलिस लाइन से 04 पुलिसकर्मी और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की अन्य सदस्य शामिल थे।

टीम ने मोतिहारी सदर क्षेत्र के विभिन्न प्रतिष्ठानों पर गहन जाँच की और सभी प्रतिष्ठान संचालकों को चेतावनी दी कि यदि आगे से किसी भी प्रतिष्ठान में बाल श्रमिक पाए जाते हैं, तो उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान जनमानस में जागरूकता फैलाने हेतु पर्चे वितरित किए गए और समझाया गया कि बाल श्रम न केवल गैरकानूनी है, बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ भी एक क्रूर मज़ाक है।

श्रम विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह स्पष्ट किया गया कि इस प्रकार की कार्रवाई आगे भी नियमित रूप से होती रहेगी और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही या कोताही नहीं बरती जाएगी। जिला प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है और समाज में बाल अधिकारों के प्रति एक सकारात्मक संदेश भी भेजता है।

निष्कर्षतः, यह विशेष अभियान न केवल बाल श्रमिक की मुक्ति में सफल रहा, बल्कि यह समाज के लिए एक स्पष्ट संदेश भी है कि अब बाल श्रम के लिए कोई स्थान नहीं है। श्रम विभाग की तत्परता, विभिन्न एजेंसियों का समन्वय और पुलिस प्रशासन की सहभागिता से यह सिद्ध होता है कि बाल अधिकारों की रक्षा के लिए अब प्रशासन पहले से कहीं अधिक सजग और प्रतिबद्ध है।