पूर्वी चंपारण, 28 अप्रैल 2025। महिलाओं की भागीदारी से जिले में चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को जीविका ग्राम संगठन के माध्यम से जिले के सभी प्रखंडों में बड़े पैमाने पर संवाद का आयोजन किया गया। अब तक जिले के 588 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं, जिनमें 1.30 लाख से अधिक महिलाओं ने भाग लिया है। महिलाओं ने सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली और अपने गांव व समाज के विकास हेतु अपनी अपेक्षाएं भी साझा कीं।
घर के कार्यभार और खराब मौसम के बावजूद, हजारों की संख्या में महिलाएं प्रतिदिन संवाद कार्यक्रम में शामिल हो रही हैं। संवाद रथ के जरिए, जो ऑडियो-वीडियो संसाधनों से सुसज्जित हैं, बिहार सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। साथ ही, महिलाएं अपने गांव की समस्याओं पर खुलकर चर्चा कर रही हैं और सुझाव भी दे रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की मांग की गई। महिलाओं ने पंचायत व गांव स्तर पर साप्ताहिक जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने, नियमित दवा वितरण और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की अपेक्षा व्यक्त की। इसके अतिरिक्त शिक्षा व्यवस्था सुधार, गांवों में सोलर लाइट की सुविधा, खेलकूद के लिए संसाधनों की उपलब्धता और असहाय वृद्ध ग्रामीणों के लिए योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग भी जोर-शोर से उठाई गई।
महिला संवाद कार्यक्रम की दोनों पालियों में बिहार सरकार की योजनाओं पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया। साथ ही, महिलाओं के बीच मुख्यमंत्री द्वारा लिखित संदेश पत्र और योजनाओं की जानकारी संबंधी लीफलेट का वितरण भी किया गया। उपस्थित महिलाओं को मुख्यमंत्री का संदेश पत्र पढ़कर सुनाया गया, जिससे उनमें नई ऊर्जा और जागरूकता देखी गई।
जिला परियोजना प्रबंधक श्री गणेश पासवान ने बताया कि 18 अप्रैल 2025 से 18 जून 2025 तक प्रतिदिन महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी नियमित समीक्षा जिलाधिकारी श्री सौरभ जोरवाल द्वारा की जा रही है। पूरा कार्यक्रम जिला प्रशासन की सतर्क निगरानी में संचालित हो रहा है।
इस पहल का असर अब गांवों में स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। महिलाएं न केवल अपनी समस्याओं को खुलकर सामने ला रही हैं, बल्कि विकास कार्यों में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। बिहार सरकार के महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के अंतर्गत महिलाओं की अपेक्षाओं और सुझावों को संगठित कर सरकार तक पहुंचाया जा रहा है, ताकि भविष्य की नीतियों में महिलाओं के दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी जा सके और राज्य विकास की नई गाथा लिख सके।