मोतिहारी, बिहार – जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में हाल ही में हुई दर्दनाक घटना के विरोध में आज महागठबंधन के बैनर तले मोतिहारी में एक विशाल कैंडल आक्रोश मार्च का आयोजन किया गया। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, जिसमें निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। महागठबंधन ने इस घटना को सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक का नतीजा बताते हुए केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की।
मार्च की शुरुआत मोतिहारी के ऐतिहासिक गांधी स्मारक से हुई और यह शहर की प्रमुख सड़कों से होते हुए गांधी चौक मीना बाजार तक पहुँचा। मार्च में कांग्रेस, राजद, भाकपा माले सहित विभिन्न विपक्षी दलों के कार्यकर्ता, स्थानीय नागरिक, छात्र, युवा और महिलाएं भारी संख्या में शामिल हुए। सभी प्रतिभागियों के हाथों में पोस्टर, बैनर और तख्तियां थीं, जिन पर “न्याय चाहिए”, “सरकार जवाब दो”, “निर्दोषों की हत्या बंद करो” जैसे नारे लिखे थे।
कैंडल मार्च के माध्यम से लोगों ने सरकार से जवाब मांगते हुए न्याय की माँग की। मार्च में शामिल कांग्रेस जिला अध्यक्ष ई० शशि भूषण राय उर्फ गप्पू राय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “यह सिर्फ पहलगांव की घटना नहीं है, यह पूरे देश में बढ़ती असुरक्षा और सरकार की विफल नीतियों का प्रतीक है। आज देश का आम नागरिक डरा हुआ है, लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए है। यह मार्च उसी चुप्पी को तोड़ने का प्रयास है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, लेकिन हालात इसके ठीक उलट हैं। हर दिन कहीं न कहीं निर्दोष लोग निशाना बन रहे हैं, और दोषियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही। यह सरकार की नाकामी का जीता-जागता उदाहरण है।
इस आक्रोश मार्च में प्रमुख रूप से विजय शंकर पांडे, शैलेंद्र कुमार सिंह, किरण कुशवाहा, औसैंदूर रहमान खान, विनय सिंह, डॉ० आशीष रंजन, डॉ० आदर्श आनंद, आबिद हुसैन बजेंद्र तिवारी, ललन राम, मुन्नी साहनी, आबिद हुसैन मुखिया, सत्येंद्र नाथ तिवारी, चूमन जायसवाल, रंजीत पांडे, रमेश श्रीवास्तव, रंजन शर्मा और अरुण प्रकाश पांडे सहित कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और राजनैतिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
आक्रोश मार्च शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, लेकिन इसका संदेश बेहद स्पष्ट था – जनता अब चुप नहीं रहेगी, और सरकार को जवाब देना ही होगा। महागठबंधन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही दोषियों को सजा नहीं मिली और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।