मोतिहारी (पूर्वी चंपारण): जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने अपने कार्यालय कक्ष में पशु क्रूरता निवारण समिति की अहम बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में जिले के भीतर पशु कल्याण और उनके खिलाफ हो रहे अत्याचारों की रोकथाम के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की गई।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिला पशुपालन पदाधिकारी से यह जानकारी मांगी कि जिले में कहां-कहां पशु मेलों का आयोजन होता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि किसी भी पशु मेले का आयोजन बिना पंजीकरण के नहीं होना चाहिए। उन्होंने संबंधित पदाधिकारी को त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
जिला पशुपालन पदाधिकारी को पशु क्रूरता निवारण से जुड़े आदेशों को तैयार कर उन्हें लागू कराने का निर्देश भी दिया गया। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि पशुओं के परिवहन में खुले ट्रकों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए विशेष रूप से रूपांतरित वाहनों का उपयोग अनिवार्य है, जिनमें वेंटिलेशन, पेंडिंग, सुरक्षित लदान और उतराई की समुचित व्यवस्था हो।
पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि बड़े पशुओं के परिवहन के लिए प्रति पशु न्यूनतम दो वर्ग मीटर क्षेत्र आवश्यक है, और एक ट्रक में अधिकतम चार गाय या भैंस ही ले जाई जा सकती हैं। वहीं, बकरी, बकरा और भेड़ आदि के लिए एक ट्रक में अधिकतम 40 पशुओं के परिवहन की अनुमति है। साथ ही दुधारू एवं छोटे बाछा-बाछी का राज्य से बाहर परिवहन पूरी तरह वर्जित किया गया है।
शहरी क्षेत्रों में मान्यता प्राप्त बधशालाओं में ही पशुओं के वध की अनुमति है। खुले में क्रूरता पूर्वक वध पर रोक लगाई गई है। इसके लिए नगर परिषदों और नगर पंचायतों में बधशालाओं के निर्माण की प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता जताई गई।
बैठक में यह भी चेतावनी दी गई कि अत्यधिक दूध उत्पादन के लिए प्रतिबंधित रसायन ऑक्सीटोसिन का उपयोग न केवल पशुओं के लिए हानिकारक है, बल्कि इसका दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालता है। इस पर सख्त प्रतिबंध लागू है।