पूर्वी चंपारण जिले में वन संरक्षण कानूनों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक, पूर्वी चंपारण, मोतिहारी को गुप्त सूचना मिली कि कोटवा थाना अंतर्गत बिरती टोला में बड़े पैमाने पर अवैध खैर की लकड़ी का भंडारण किया गया है। यह लकड़ी प्रतिबंधित श्रेणी में आती है और इसका अवैध रूप से संग्रहण एवं व्यापार वन अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। सूचना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
छापेमारी में मिला 80-85 क्विंटल अवैध लकड़ी का भंडार
प्राप्त सूचना के आधार पर कोटवा थाना पुलिस ने छापेमारी दल का गठन किया और संदिग्ध स्थान पर पहुंचकर जांच शुरू की। जब टीम ने मौके पर तलाशी ली तो पाया कि एक बांसवारी में लगभग 80 से 85 क्विंटल खैर की लकड़ी का अवैध भंडारण किया गया था। इतनी बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित लकड़ी का भंडारण होना किसी संगठित गिरोह के संलिप्त होने की ओर इशारा करता है। पुलिस ने बिना किसी देरी के पूरे भंडार को जप्त कर लिया और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए वन विभाग को सौंप दिया।
वन विभाग करेगा आगे की जांच
पुलिस द्वारा जब्त की गई लकड़ी को वन विभाग को सौंप दिया गया है, जो अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच करेगा। वन विभाग यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि यह लकड़ी कहां से लाई गई थी, किसके द्वारा इसका संग्रहण किया गया और इसका उपयोग किन उद्देश्यों के लिए किया जाने वाला था। साथ ही, इसमें शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अवैध लकड़ी तस्करी पर प्रशासन की सख्ती
इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि वन संपदा की अवैध कटाई और तस्करी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वन्य अपराधों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे अवैध लकड़ी कटाई और तस्करी जैसी गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस और वन विभाग को दें, ताकि समय रहते प्रभावी कदम उठाए जा सकें। इस कार्रवाई से अवैध लकड़ी कारोबारियों में हड़कंप मच गया है और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के लिए यह एक कड़ा संदेश है।