मोतिहारी में शनिवार को निगर भवन के सभागार में जिला स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसे डीएम सौरभ जोरवाल ने संबोधित किया। कार्यक्रम का आयोजन मंत्रीमंडल सचिवालय उर्दू निदेशालय के तत्वावधान में जिला उर्दू कोषांग द्वारा किया गया। डीएम ने कहा कि प्रतियोगिताएं बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने का माध्यम होती हैं। इससे बच्चों को सीखने, बोलने और बेहतर करने का अवसर मिलता है। उन्होंने बताया कि सरकार बच्चों और बच्चियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई स्तरों पर काम कर रही है। डीएम जोरवाल ने कहा कि ऐसे आयोजनों में हिस्सा लेने से बच्चों की छिपी हुई प्रतिभा का निखार होता है। उन्होंने छात्रों को कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए और उनके अनुपालन पर जोर दिया।

इस अवसर पर जिला उर्दू कोषांग के प्रभारी हैदर इमाम अंसारी ने निदेशालय द्वारा जारी योजनाओं और उर्दू भाषी छात्र-छात्राओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में डीडीसी शंभु शरण पांडेय, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. तबरेज अजीज, नर आलम, अंजुमन तरक्की उर्दू के जिला सदर तनवीर खान, उर्दू अनुवादक ओवैस कलीमुल्लाह और कई अन्य प्रमुख लोग मौजूद थे। प्रतियोगिता में मैट्रिक, इंटरमीडिएट और स्नातक स्तर के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। जज के रूप में एसएस कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. कौशर नाज, सहाफी ओजैर अंजुम, इंतजारूल हक, जया हैदर और शकील शागिल ने भूमिका निभाई। प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इस आयोजन ने छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ उनके भविष्य निर्माण के लिए एक नई दिशा प्रदान की।