पूर्वी चंपारण (मोतीहारी) में फटफटिया (Modified Bullet Bikes) और उनमें लगे प्रतिबंधित साइलेंसरों के विरुद्ध पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं। जिले के एसपी स्वर्ण प्रभात के नेतृत्व में इस अभियान की शुरुआत हुई। एसपी स्वर्ण प्रभात ने थाना चौक पर औचक निरीक्षण के दौरान केवल 10 मिनट के भीतर ऐसे 5 बुलेट बाइक जब्त किए, जिनमें तेज आवाज वाले प्रतिबंधित साइलेंसर लगे हुए थे।
फटफटिया के शोर से परेशान जनता
शहर में लंबे समय से तेज आवाज वाले बुलेट बाइक की समस्या बढ़ती जा रही थी। ये बाइक न केवल ध्वनि प्रदूषण फैलाती हैं, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। तेज आवाज से खासकर बुजुर्ग, बच्चे और अस्पतालों के आसपास के लोग प्रभावित होते हैं। इन बाइकों के कारण सड़क सुरक्षा भी खतरे में रहती है, क्योंकि इनके चलाने वाले अक्सर यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं।
सीज की गई बाइक और कार्रवाई
जांच के दौरान पकड़ी गई 5 बुलेट बाइकों को पुलिस ने तत्काल सीज कर लिया। इनके चालकों पर जुर्माना लगाया गया और बाइकों के प्रतिबंधित साइलेंसर मौके पर ही हटवा दिए गए। एसपी ने यह भी निर्देश दिया कि जब तक बाइक के साइलेंसर को वैध स्थिति में नहीं लाया जाएगा, उन्हें वापस नहीं किया जाएगा।
अभियान की शुरुआत
एसपी स्वर्ण प्रभात ने स्पष्ट किया कि यह केवल शुरुआत है। आगामी दिनों में जिलेभर में विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाकर फटफटिया और अन्य ऐसे वाहनों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
सख्त चेतावनी
एसपी ने फटफटिया चालकों को चेतावनी दी है कि यदि वे इस तरह के संशोधित साइलेंसरों का उपयोग करते पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है।
पुलिस और जनता का सहयोग
इस अभियान को सफल बनाने के लिए पुलिस ने आम जनता से भी सहयोग की अपील की है। एसपी ने कहा कि यदि किसी को भी तेज आवाज वाली बुलेट बाइक या अन्य वाहन चलते हुए दिखाई दें, तो इसकी सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दें।
नियमों का पालन है जरूरी
एसपी स्वर्ण प्रभात ने यह भी कहा कि नियमों का पालन करना वाहन चालकों की जिम्मेदारी है। तेज आवाज वाले साइलेंसर न केवल अवैध हैं, बल्कि यह दूसरों की शांति और सुरक्षा को भी प्रभावित करते हैं। इस तरह की कार्रवाई का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और शहर को ध्वनि प्रदूषण से मुक्त बनाना है।