मोतिहारी: मोतिहारी सिविल कोर्ट के तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों ने अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। यह धरना मोतिहारी कर्मचारी संघ के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है। संघ के सचिव राज प्रकाश ने इस आंदोलन का नेतृत्व करते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं या सरकार उनके साथ सार्थक वार्ता नहीं करती, तब तक यह धरना जारी रहेगा।
कर्मचारियों की चार प्रमुख मांगें
धरने के दौरान संघ के सचिव ने चार प्रमुख मांगों को सामने रखा, जो इस प्रकार हैं:
- स्नातक स्तरीय वेतनमान: कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें उनके कार्य के अनुसार स्नातक स्तरीय वेतनमान दिया जाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
- पद में पदोन्नति: कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें उनके अनुभव और सेवा के आधार पर नियमित रूप से पदोन्नति दी जानी चाहिए।
- अनुकंपा नियुक्ति: संघ ने अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों की प्रक्रिया को सरल और शीघ्र बनाने की मांग की है, जिससे दिवंगत कर्मचारियों के परिवारों को सहायता मिल सके।
- न्यायिक कैडर की स्थापना: कर्मचारियों ने न्यायिक कैडर के गठन की मांग करते हुए कहा कि इससे उनकी कार्यक्षमता और पेशेवर पहचान में सुधार होगा।
धरने की स्थिति और बयान
धरने के दौरान राज प्रकाश ने सरकार पर आरोप लगाया कि कर्मचारियों की समस्याओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से संवाद स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया। अब जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम धरने पर बैठे रहेंगे।”
कामकाज पर प्रभाव
धरने के कारण मोतिहारी सिविल कोर्ट में कामकाज प्रभावित होने की संभावना है। तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के धरने पर बैठने से न्यायालय की दैनिक प्रक्रियाओं में रुकावट आ रही है। यह स्थिति न केवल न्यायालय में आने वाले वादियों के लिए कठिनाई पैदा कर सकती है, बल्कि लंबित मामलों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है।
समर्थन और विरोध
कर्मचारियों के इस आंदोलन को कई स्थानीय संगठनों का समर्थन मिल रहा है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि इस प्रकार के अनिश्चितकालीन धरने से जनता को असुविधा होती है। इसके बावजूद, कर्मचारी अपने अधिकारों और मांगों को लेकर दृढ़ हैं।
आगे की योजना
संघ के अनुसार, यदि सरकार जल्द ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है। राज प्रकाश ने यह भी कहा कि उनकी यह लड़ाई कर्मचारियों के अधिकार और सम्मान के लिए है, जिसे किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।
सरकार की प्रतिक्रिया और समाधान पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों पक्ष इस समस्या का समाधान वार्ता के माध्यम से कर पाते हैं या यह आंदोलन और लंबा खिंचता हैं