रामगढ़वा प्रखंड के उप प्रमुख ने दिया मानवता का उदाहरण, दिव्यांग महिला की डूबने से बचाई जान

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पूर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा प्रखंड में एक ऐसा वाकया सामने आया है, जिसने इंसानियत और समाज सेवा का अद्भुत उदाहरण पेश किया है। सत पिपरा भूमिहारी टोला निवासी 52 वर्षीय दिव्यांग महिला शांति देवी सोमवार की सुबह गांव के तालाब के किनारे कपड़े धो रही थीं। इसी दौरान असावधानीवश उनका पैर फिसल गया और वे तालाब के पानी में गिर गईं।

संघर्ष और साहस की कहानी

शांति देवी की स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि वह तालाब के गहरे पानी में डूबने लगीं। उनकी चीख-पुकार सुनने वाला कोई आसपास मौजूद नहीं था। लेकिन किस्मत से उसी समय रामगढ़वा प्रखंड के उप प्रमुख श्री अरविंद पांडे वहां से गुजर रहे थे। उन्होंने तुरंत स्थिति को भांपा और बिना समय गवांए तालाब की ओर दौड़ पड़े। ठंडे पानी की परवाह किए बिना, पांडे ने तालाब में छलांग लगाई और डूबती हुई महिला को सुरक्षित बाहर निकाला।

सर्दी में ठंड से बचाने के लिए विशेष इंतजाम

सर्दी का मौसम होने के कारण तालाब का पानी बेहद ठंडा था। बाहर निकालते ही शांति देवी ठंड से कांपने लगीं। उप प्रमुख अरविंद पांडे ने तुरंत गांव वालों से कंबल मंगवाकर महिला को ओढ़ाया और अलाव जलाकर उन्हें गर्मी प्रदान की। इसके बाद उन्होंने पास के स्थानीय चिकित्सक को बुलाकर शांति देवी की प्राथमिक चिकित्सा करवाई। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही उन्होंने महिला को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की।

गांव में हो रही सराहना

इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में उप प्रमुख अरविंद पांडे की सराहना हो रही है। स्थानीय लोग उनकी तत्परता और साहस की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने इस नेक कार्य को प्रेरणा का स्रोत बताते हुए कहा कि अगर उप प्रमुख  पांडे वहां समय पर न होते, तो महिला की जान बचाना मुश्किल हो जाता।

सामाजिक सेवा का प्रतीक

 अरविंद पांडे ने इस घटना से यह संदेश दिया है कि जनप्रतिनिधि केवल प्रशासनिक कार्यों तक सीमित नहीं होते, बल्कि उनकी जिम्मेदारी समाज के प्रति भी होती है। उन्होंने न केवल महिला की जान बचाई, बल्कि पूरे क्षेत्र में मानवता और कर्तव्यनिष्ठा की एक नई मिसाल कायम की।

निष्कर्ष

यह घटना यह साबित करती है कि सही समय पर किया गया प्रयास न केवल किसी की जान बचा सकता है, बल्कि समाज को एक सकारात्मक संदेश भी दे सकता है।  अरविंद पांडे के इस साहसिक कार्य से न केवल गांव के लोग प्रेरित हुए हैं, बल्कि उन्होंने यह भी सिद्ध किया है कि सही नेतृत्व और दयालुता से समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

घटना के बाद सत पिपरा भूमिहारी टोला और आसपास के क्षेत्रों के लोग उप प्रमुख श्री पांडे को धन्यवाद देने उनके पास पहुंचे। लोग उन्हें ‘सच्चा समाजसेवक’ कह रहे हैं। इस तरह की घटनाएं न केवल इंसानियत को जिंदा रखती हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा भी फैलाती हैं।                                                                      यह घटना रामगढ़वा प्रखंड के लिए एक प्रेरणादायक कहानी बन गई है, जो आने वाले समय तक लोगों के दिलों में बसी रहेगी।