जिला कार्यक्रम: पूर्वी चंपारण में निजी शिक्षण संस्थान संचालकों की बैठक संपन्न हुई

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पूर्वी चंपारण के जिला कार्यक्रम प्राथमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा अभियान के तहत सोमवार को जवाहर इंटरनेशनल स्कूल, लक्ष्मीपुर मोतिहारी के परिसर में प्राइवेट स्कूल संचालकों और प्राचार्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी पल्लवी कुमारी, और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी हेमचंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

बैठक की शुरुआत में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के भूषण कुमार, अभय कुमार मिश्रा, संतोष कुमार रौशन, राजीव रंजन, और मृत्युंजय कुमार मिश्रा ने सभी अतिथियों का बुके और शॉल देकर गर्मजोशी से स्वागत किया।

सरकार का उद्देश्य: सभी बच्चों को समान शिक्षा का अवसर

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है कि समाज के गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को भी अच्छे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई का अवसर मिल सके। उन्होंने बताया कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा प्रथम में 25% सीटें गरीब बच्चों के लिए सुरक्षित की गई हैं। इन बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी।

उन्होंने प्राइवेट स्कूल संचालकों से अपील की कि वे इस योजना का प्रचार-प्रसार करने में सहयोग करें। साथ ही, सभी बच्चों के लिए “अपार आईडी” बनाना अनिवार्य बताया और इसे प्राथमिकता के साथ पूरा करने का निर्देश दिया।

परिवहन व्यवस्था में सुधार: तीन पहिया वाहनों पर प्रतिबंध

जिला परिवहन पदाधिकारी पल्लवी कुमारी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने स्कूलों में तीन पहिया वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। सभी प्राइवेट स्कूलों को इस निर्देश का सख्ती से पालन करना होगा।

डिजिटल पोर्टल्स का उपयोग: प्राइवेट स्कूलों की भूमिका अहम

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी हेमचंद्र कुमार ने यू-डाइस पोर्टल, ज्ञानदीप पोर्टल, और अपार आईडी को समय पर पूरा करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग इस कार्य को सुगमता से पूरा करने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगा।

कार्यक्रम के दौरान एडीसीपी पंकज कुमार मिश्रा और तकनीकी हेड अक्षय कुमार ने सभी पोर्टल्स को भरने और अपडेट करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उन्होंने प्राइवेट स्कूल संचालकों को प्रशिक्षित किया कि वे इन पोर्टल्स का उपयोग सही तरीके से करें। प्रशिक्षण दो सत्रों में आयोजित किया गया।

सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल साक्षरता नहीं है, बल्कि बच्चों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने सभी प्राइवेट स्कूलों से आग्रह किया कि वे अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लें और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें।

कार्यक्रम का संचालन और उपस्थिति

कार्यक्रम का संचालन प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष संतोष कुमार रौशन ने किया। बैठक में जिले के सभी अनुमंडलों से बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूलों के संचालक और प्राचार्य उपस्थित थे।

इस बैठक के माध्यम से शिक्षा और परिवहन से संबंधित सरकारी योजनाओं और निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। साथ ही, प्राइवेट स्कूलों को डिजिटल माध्यमों और आधुनिक तकनीक के उपयोग के लिए प्रेरित किया गया।

इस तरह की पहलें न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद करेंगी, बल्कि वंचित वर्ग के बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करने का अवसर भी प्रदान करेंगी।