प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर जन सुराज पार्टी ने सरकार को घेरा, आंदोलन हुआ तीव्र

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मोतिहारी जन सुराज पार्टी के जिला मुख्य प्रवक्ता अभय कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी नेता प्रशांत किशोर और BPSC छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने बताया कि प्रशांत किशोर 2 जनवरी से पटना के गांधी मैदान में BPSC परीक्षा में धांधली और अनियमितताओं के खिलाफ छात्रों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे थे। 6 जनवरी की सुबह पुलिस ने प्रशांत किशोर और अन्य अनशनकारियों को बलपूर्वक हटा दिया और गिरफ्तार कर लिया।

अभय कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। उन्होंने सवाल किया कि गांधी मूर्ति के नीचे सत्याग्रह करना कौन सा अपराध है? जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने 29 दिसंबर को छात्र संसद में हिस्सा लिया और छात्रों के आंदोलन का नेतृत्व किया। छात्रों की मांगों को लेकर सरकार की उदासीनता के खिलाफ उन्होंने 2 जनवरी से सत्याग्रह शुरू किया, जिसमें उन्हें बिहार के सभी जिलों से व्यापक समर्थन मिला

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 6 जनवरी की सुबह पुलिस ने अनशनकारियों पर कायरतापूर्ण कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। प्रशांत किशोर को 5 घंटे तक एंबुलेंस और अन्य वाहनों में घुमाने के बाद कोर्ट ले जाया गया, जहां उन्हें जमानत मिल गई। इसके बावजूद प्रशांत किशोर ने सशर्त जमानत लेने से इनकार कर दिया और जेल भेजे गए। बाद में उन्हें बिना शर्त जमानत मिली।

7 जनवरी को अनशन के कारण प्रशांत किशोर की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। ICU में भर्ती प्रशांत किशोर ने खाने से इनकार कर अनशन जारी रखा है।

जन सुराज पार्टी ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार से छात्र सत्याग्रह समिति की 5 मांगों को तत्काल मानने की मांग की है। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और तीव्र होगा।