मुख्य बिंदु:
- मंत्री अशोक चौधरी का भाषण
अशोक चौधरी ने अपने भाषण में लालू यादव और उनके परिवार पर निशाना साधते हुए 90 के दशक की बिहार की स्थिति का जिक्र किया। उन्होंने नीतीश कुमार के 18 सालों के विकास कार्यों की सराहना की और कार्यकर्ताओं से इन उपलब्धियों को आम जनता तक पहुंचाने का आह्वान किया।
- तेजस्वी यादव पर हमला
तेजस्वी यादव के महिला वित्तीय सहायता योजना (₹2500) को आड़े हाथों लेते हुए मंत्री ने कहा कि यह केवल खोखले वादे हैं। उन्होंने तेजस्वी के उपमुख्यमंत्री कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। 
- कार्यकर्ताओं के बीच झगड़ा
सम्मेलन में भाषण देने का अवसर न मिलने से कई कार्यकर्ता नाराज हो गए और मंच पर चढ़कर हंगामा करने लगे। इस दौरान कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई हुई। मंत्री और अन्य वरिष्ठ नेता झगड़े के चलते कार्यक्रम से जल्दी निकल गए।
- भोजन की लूट
सम्मेलन के बाद, खाने के स्टॉल पर भी कार्यकर्ताओं ने अनुशासनहीनता का परिचय दिया। कई लोग खाना और पत्तल लेकर भागते नजर आए, जिससे कार्यक्रम की अव्यवस्था और बढ़ गई।
निष्कर्ष:
यह घटना जदयू की आंतरिक कमजोरियों और अनुशासनहीनता की ओर इशारा करती है। जहां मंत्री अशोक चौधरी ने पार्टी के नेतृत्व और विकास कार्यों का जोर-शोर से प्रचार किया, वहीं कार्यकर्ताओं की आपसी लड़ाई और भोजन की लूट ने कार्यक्रम की गरिमा को गिरा दिया। पार्टी के लिए यह घटना आत्ममंथन का अवसर है कि अनुशासनहीनता पर कैसे लगाम लगाई जाए।