आशा फैसिलिटेटर बबिता कुष्ठ रोगियों की खोज में जुटी, घर-घर जा रही हैं

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मोतिहारी, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मोतिहारी शहर के सदर प्रखंड के रामगढ़वा पंचायत क्षेत्र में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए अभियान शुरू किया गया है। आशा और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम के साथ आशा फैसिलिटेटर बबिता देवी घर-घर जाकर लोगों से मिलकर कुष्ठ के लक्षणों के बारे में जानकारी दे रही हैं।

समय पर पहचान होने पर कुष्ठ रोग का सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज संभव है, इसलिए लोगों से अनुरोध है कि वे इसके लक्षणों को छुपाएं नहीं क्योंकि इलाज में देरी से यह दिव्यांगता का कारण बन सकता है, इस बीमारी से बचाव के लिए 02 अक्टूबर तक कुष्ठ रोगियों की खोज अभियान चलाई जा रही है ताकि इस बीमारी का जड़ से सफाया हो सके।

कुष्ठ रोग की पुष्टि के बाद रोगियों की गोपनीयता सुनिश्चित की जाती है। लंबे समय तक संपर्क और साझा सामग्री के कारण कुष्ठ रोग फैलने का खतरा होता है, खासकर मजदूर और श्रमिक वर्ग में इस रोग के फैलने की अधिक संभावना होती है।

डॉ श्रवण कुमार पासवान, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी और सदर पीएचसी प्रभारी, ने आशाओं को घर-घर जाकर कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता फैलाने और रोगियों की पहचान करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने सघन कुष्ठ रोगी खोज अभियान के लिए मार्गदर्शिका जारी की है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग का उपचार एमडीटी की टैबलेट से किया जा सकता है और रोगियों को नियमित दवा लेने की सलाह दी जाती है।

कुष्ठ रोग के शुरुआती लक्षण:

– शरीर का कोई भी हिस्सा सुन्न होना                           – स्पर्श महसूस न होना
– सूई या पिन चुभने जैसा महसूस होना
– वजन कम होना
– शरीर पर फोड़े या लाल व सफेद चकत्ते बनना, जोड़ में दर्द होना
– बाल झड़ना, त्वचा पर पीले रंग के घाव या धब्बे बनना आदि।