त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों के हक के लिए बैठक का आयोजन किया गया।

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मोतिहारी जिला परिषदीय सभागार में सरकार द्वारा त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों के अधिकारो में लगातार हो रही कटौती को लेकर  शशिभूषण राय उर्फ गप्पू राय के अध्यक्षता में एक आपातकालीन  बैठक का आयोजन किया गया।

उन्होंने के बताया गया कि विगत्त कई वर्षों से लगातार त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्था जिन्हे सवैधानिक अधिकार प्राप्त है उनके अधिकारो का कटौती किया जा रहा है। बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 के लागु होने बाद भी संवैधानिक अधिकारो का कटौती होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने  बताया गया कि पंचायत सरकार भवन, नल-जल योजना, समेकित बाल विकास परियोजना, रोगी कल्याण समिति में अधिकारो में कटौती कर सवैधानिक संस्था को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। शशि भुषण राय के द्वारा स्पष्ट रूप से बताया गया कि एक तरफ सरकार का निर्देश है कि योजनाओ को शीघ्र पुरा कराकर राशि खर्च की जाय, दूसरी तरफ सरकार द्वारा कई बंदिशे लगा दी जाती है जैसे कि एक अभिकर्ता को तीन योजना से ज्यादा नही करना है, संविदा कर्मी को अभिकर्ता नही बनाना है, योजनाओ का भुगतान मजदूर के खाते में भेजना परन्तु षष्टम् राज्य वित् आयोग योजना अन्तर्गत अब तक मजदूरो का भुगतान ऑनलाईन पोर्टल में कमी के कारण नहीं हो पा रहा है।

उन्होंने  यह भी बताया गया कि  मुखिया और प्रमुखो को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित कर कर्मी के माध्यम से आवंटन किया जा रहा है जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता देखी जा रही है।

उन्होंने  कहा कि अब पंचायत निर्माण कार्य मैनुअल पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार द्वारा लागु किया गया है जिसमें योजनाओ का कार्यान्वयन विभागीय न करारकर निविदा के माध्यम से कराना है। उनके द्वारा बताया गया कि त्रिस्तरीय पंचायतो द्वारा भौगोलिक तथ्यो को ध्यान में रखकर तथा जरूरत के अनुसार योजनाओ का कार्यान्वयन करना होता है लेकिन निविदा होने से ऐसा कर पाना संभव नहीं होगा।  शशिभूषण राय के द्वारा बताया गया कि बिहार सरकार को हर हाल में निविदा के प्रस्ताव को रद्द करना होगा तथा लगातार हो रही त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओ के अधिकारो में कटौती में कम करना होगा वरना त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि बाध्य होकर सड़क से न्यायालय तक का शरण लेंगे।

शशिभूषण राय समेत बैठक में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियो ने निर्णय लिया कि संबंधित क्षेत्र के सभी  विधायक/ विधान पार्षद से मिलकर त्रिस्तरीय पंचायतो में हो रही लगतार कटौती पर रोक लगाने तथा इस मसले को विधान सभा पटल पर रखने का अनुरोध किया जायेगा तथा अगर इस मसले को  विधायक / विधान पार्षदो द्वारा निदान नहीं कराया जाता है तो सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि अपने लडाई स्वयं लड़ेंगे और आने वाले चुनावो में पुरजोर विरोध होगा।

इस बैठक में  उपाध्यक्ष, जिला परिषद्  गीता देवी, जिला परिषद सदस्य पंकज द्विवेदी,  नसीम अख्तर,  दिलीप कुमार,  इश्वरचन्द मिश्रा,  श्याम सुंदर सिंह,  नूर आलम खां,  विजय कु० सिंह,  सोनालाल साह,  मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष  शशिभूषण सिंह,  प्रमुख कुमारी रीना,  अमित कुमार,  संगिता कुमारी,  जानकी देवी,  महेश पासवान,  धर्मेन्द्र कुमार,  विभा देवी,  जफीर आलम,  धिरेन्द्र कुमार,  मिथलेश कुमार,  मुखिया  राजु बैठा, प्रेमशंकर यादव, रामएकबाल राय, फैजुर रहमान उर्फ मुन्ना,  किशोरी सहनी,  लालबाबू साह,  अशोक कुमार,  नेयाब आलम,  गोपाल राय,  सुनिल टाईगर,  जितेन्द्र कु० यादव,  उपेन्द्र राय, जिलाध्यक्ष वार्ड सदस्य संघ  राजीव रंजन आदि शामिल थे