मोतिहारी| भारतीय चमार महासभा की प्रथम स्थापना दिवस का आयोजन राजेंद्र नगर भवन में किया गया समारोह का उद्घाटन रामजन्म राम, रामजी बौद्ध और राजकुमारी देवी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया सभी अतिथियों ने डॉ भीम राव अंबेदकर के चित्र पर मल्यारपन किया समारोह को संबोधित करते हुए बीसीएम के संस्थापक सह राष्ट्रीय संयोजक विद्यानन्द राम ने कहा कि बीसीएम का गठन चमार वंश के गौरवशाली अतीत को पूर्नजीवत करने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होने कहा कि चमार कोई जाति नहीं हैं। चमार समता स्वतंत्रता एवं बन्धुत्व पर आधारित एक विचार धारा है। चमार धम्म का पर्याय है। चमार वीरता एवं ज्ञान का सिमवॉल हैं। चमार एक सभ्यता एवं संस्कृति है। चमार एक राजवंश है। राम ने कहा कि बीसीएम द्वारा समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर समाज में व्याप्त उच-नीच, छूआ-छूत सवर्ण-अवर्ण आदि भेद भाव के उन्मूलन एवं जाति आधरित अत्याचार को बन्द करने हेतु अभियान चलाया जाएगा। समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण राम ने कहा कि वर्तमान परिवेश ऐसा हो गया है कि राजनीतिक पार्टियों में डा0 अम्बेडकर के नाम पर कमजोर तबके के वोटों को बटोर कर
सता में जाने की होड़ लगी हैं। पर, खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि ये पाटियां सता में जाने के बाद डा० अम्बेडकर की आइडियोलॉजी को अपनाने की बजाए खत्म करने की साजिश करती रहती है।
उन्होनेशिक्षा पर बल देते हुए कहा कि भूखे रहना पड़े तो रह लो, फटा पूराना कपड़ा पहनना पड़े तो पहनों, इस
प्रकार की जितनी भी कठिनाईया सहनी पडे सहन करो पर अपनी संतानों को पढ़ाकर विद्वान बनाओबनाओ
कार्य कर्म को सफल बनाने में सदस्य गोपाल कुमार, तुरकौलिया प्रखण्ड प्रमुख जानकी देवी, पूर्व मुखिया सजावल राम एडवोकेट चन्द्रशेखर राज संस्थापक सदस्य विजय महाराज लालबाबू राम एवं उगम राम प्रो० विन्दा राम, संजू कुमारी सुखराम राम सुनिल कुमार, डा० डीनारायण, रवीन्द्र राम, पूर्व मुखिया सुखाड़ी राम गगन देव राम पूर्व पंचायत समिति सदस्यमीना देवी, डा० हीरालाल राम विजली कुमार निरज विद्यासागर राम कमल किशोर राम,जयमंगल राम,हरेन्द्र राम, राजू राम, सुरज कुमार, मनोज राम राजा कुमार बुलेट राम मुखिया, राजकुमार राम, उपमुखिया शंकर राम, रामदयाल राम देवन्द्र राम, रामप्रवेश राम, सुरेन्द्र राम शामिल थे